एससी/ एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, अब नहीं होगा एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग
दिल्ली। एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है जिससे इन कानून का दुरुपयोग करने वालों पर जहां नकेल कसी जायेगी तो दूसरी तरफ उन लोगों को राहत मिलेगी जिन्हें इस एक्ट का दुरुपयोग कर जेल में डाला गया था।
देश में पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए एससी-एसटी एक्ट लाया गया। इस कानून के चलते एससी-एसटी वर्ग के उत्पीड़न पर रोक लगाने में मदद मिली लेकिन कई बार इस कानून का दुरुपयोग किए जाने की खबरें भी सामने आती रही। इसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट का दायरा स्पष्ट कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्ति को उसकी जाति का नाम लिए बगैर अपमानित किया गया है, तो यह मामला SC/ST एक्ट 1989 के तहत अपराध नहीं होगा। कोर्ट ने साफ कर दिया कि केवल उन मामलों में जानबूझकर अपमान या धमकी दी जाती है, जो छुआछूत की प्रथा या ऊंची जातियों के निचली जातियों/अछूतों पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए होते हैं। इन्हें 1989 एक्ट में अपमान या धमकी कहा जा सकता है।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने एक ऑनलाइन मलयालम न्यूज चैनल के एडिटर शाजन स्कारिया को अग्रिम जमानत देते हुए यह फैसला सुनाया। स्कारिया पर 1989 एक्ट की धारा 3(1)(R) और 3(1)(U) के तहत केस दर्ज हुआ था। उन पर आरोप था कि उन्होंने SC समुदाय से आने वाले कुन्नाथुनाड के CPM विधायक पीवी श्रीनिजन को माफिया डॉन कहा था। इस मामले में ट्रायल कोर्ट और केरल हाईकोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार कर दिया था.. जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्कारिया को जमानत दे दी।