आरंग : वैसे तो पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में 10 जून से 15 अक्टूबर तक के लिए रेत उत्खनन पर रोक लगा दी गई है और खनिज विभाग का मानना है कहीं भी रेत का अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है पर यह केवल कागजी बातें ही लगता है क्योंकि आरंभ विकासखंड के पारागांव करमंदी , हरदीडीह और मोहमेला मार्ग से कुरूद के बड़े-बड़े रेत माफियाओं द्वारा ट्रैक्टर के माध्यम से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं और कवर्धा एवं बेमेतरा जिला के बड़े-बड़े ट्रैकों एवं एलपी गाड़ियों में भरकर शासन-प्रशासन के नाक के नीचे सप्लाई कर रहे हैं ।
कैसे होता है रेत का खेल
रेत माफियाओं द्वारा ट्रैक्टरों के माध्यम से सुबह 5 बजे से 10 बजे के बीच में करमंदी हरदीडीह घाट एवं मोहमेला मार्ग से कुरूद में रेत को डंप करते हैं, फिर इन्हीं रेत को कवर्धा एवं बेमेतरा सहित विभिन्न जिले के ट्रकों में भरकर सप्लाई करते हैं। वहीं भंडारण का लाइसेंस लिए हुए लोगों का कहना है कि क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन जोरों से चल रहा है ट्रैक्टर वालों को कुछ भी बोलने से लड़ाई झगड़े की नौबत आ जाती है अब ऐसे में कौन अवैध उत्खनन करने वालों को रोक लगाएगा। अवैध उत्खनन की शिकायत किये हुए एक हफ्ता हो गया है लेकिन अभी तक खनिज विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया गया है।
अगर शासन-प्रशासन का यहीं रवैय्या रहा तो आने वाले समय में लोग भंडारण का लाइसेंस न लेकर सभी लोग अवैध भंडारण कर सप्लाई करेंगे।
रेत माफिया का है तगड़ा जुगाड़
माफिया का कहना है कि हमारा नीचे से ऊपर तक तगड़ा सेटिंग है कब अधिकारी फील्ड में निकले हैं कब नहीं, हमें पहले से ही पता रहता है इसलिए कोई हमारा अवैध उत्खनन बंद नहीं कर सकता । अब देखना होगा ऐसे खुला चैलेंज देने वालों पर खनिज विभाग लगाम लगा पाएगी या पीठ पीछे से सहमति देकर अवैध उत्खनन करने वालों का सहयोग करती रहेगी ।