मोहन लाल साहू,
आरंग : आरंग विकासखंड के अमोदी में संचालित मोरध्वज उच्चत्तर माध्यमिक शाला के संचालक गोविंद राम साहू द्वारा बिना मान्यता के स्कूल चलाकर क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, मिली सूत्रों के जानकारी के अनुसार पिछले कई वर्षों से गोविंद राम साहू मोरध्वज स्कूल की मान्यता का रिन्यूअल नहीं कर पाए हैं क्योंकि रिन्यूअल के लिए जो वैधानिक दस्तावेज चाहिए वह नहीं दे पा रहे हैं जिसके कारण उसकी मान्यता रिन्यूअल नहीं किया जा सका है । जिससे वहां पढ़ रहे बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लगने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
मोरध्वज स्कूल पर लगेगा जुर्माना
बिना मान्यता के स्कूल संचालित करने पर धारा 5 उप सेक्शन 18 के तहत 1 लाख रूपये के जुर्माना का प्रावधान है इसके बाद भी अगर स्कूल संचालित रहता है तो 10हजार प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगता है, अब देखना होगा ऐसी स्थिति में कितने लाख का जुर्माना मोरध्वज स्कूल के संचालक को चुकाना पड़ेगा, वहीं सूत्रों के अनुसार दस्तावेज की कमी के कारण मान्यता रिनवल नहीं हो पा रहा है ऐसे स्थिति में उनके मान्यता रद्द होना लगभग तय माना जा रहा है।
अभिरक्षा में लेने का निकल चुका है आदेश
अनुभागीय अधिकारी आरंग द्वारा सभी दस्तावेज के जांच उपरांत तहसीलदार आरंग एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारी को मोरध्वज स्कूल को, जो सरकारी भवन में संचालित हो रहा है उसे खाली कराकर अभिरक्षा में लेने का आदेश जारी किया जा चुका है कभी भी मोरध्वज स्कूल खाली किया जा सकता है।
नेताओं को बना रहे हैं मोहरा
गोविंद राम साहू बहुत ही चतुर व्यक्ति है, वह अपने फायदे के लिए किसी को भी मोहरा बना लेते हैं, मिली सूत्रों के जानकारी अनुसार पिछले कांग्रेस के शासनकाल में पूर्व मंत्री एवं स्थानीय विधायक को अपने घेरे में लिया और क्षेत्र में इतने बच्चे मेरे स्कूल में पढ़ते हैं उनके माता-पिता और उनके इतने सगे संबंधी हैं जिसका वोट आपको सीधा मिलेगा, जैसे कई सपने दिखा कर पिछले बार खाली करने के आदेश को रुकवा दिया था, अब भाजपा की सरकार है वहां भी विभिन्न नेताओं से मिलकर अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से यही सब वोट बैंक की राजनीति के साथ दुनिया भर के प्रलोभन देकर बिना मान्यता के स्कूल को सरकारी भवन संचालित कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में तुले हुए हैं, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि उनके पास 20 वोट दिलाने का ताकत नहीं है अब ऐसे में जितने भी नेता और जनप्रतिनिधियों को सोचना है कि क्या ऐसे व्यक्ति के साथ देकर सैकड़ो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना उचित रहेगा?
वहीं इस संबंध में स्कूल संचालक गोविंद राम साहू से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन उठाना भी जरूरी नहीं समझा।