सुकमा : जिला सुकमा में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में चलाया जा रहे छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर एक महिला समेत 5 नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है। आत्मसमर्पिटी सभी सदस्य विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गों पर स्पाईक-बम लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध बेनर, नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाने आदि घटनाओं में शामिल रहे हैं।
बता दें अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने की उद्देश्य से नक्सली संगठन में सक्रिय 1 महिला सहित कुल 5 नक्सलियों क्रमशः 1. महिला दुधी भीमे अरलमपल्ली आरपीसी सीएनएम सदस्या,2. वेट्टी राजा टे्टेमड़गू आरपीसी मिलिशिया सदस्य,3. वंजाम गंगा टे्टेमड़गू आरपीसी मिलिशिया सदस्य, 4. दुधी पोज्जा उर्फ बोक्के उर्फ बैरा टे्टेमड़गू आरपीसी मिलिशिया सदस्य,5. कवासी भीमा टे्टेमड़गू आरपीसी मिलिशिया सदस्य द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में मनीष रात्रे, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स सुकमा, कृष्ण कुमार चंद्रा, सहायक कमाण्डेन्ट 188 वाहिनी सीआरपीएफ एवं आरक्षक एल. शेषागिरी, 208 कोबरा वाहिनी के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया।
मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरूद्ध करने की घटना में थे शामिल
उपरोक्त सभी सदस्य प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गों पर स्पाईक/बम लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध बेनर, नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाने आदि घटनाओं में शामिल रहे है। उक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराये जायेंगे।