रायपुर : राज्यपाल शिक्षक सम्मान देने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी किए जाने की आशंका जताई जा रही है। एक ओर नवाचारी और योग्य शिक्षकों को दरकिनार किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अपात्र शिक्षकों को राज्यपाल सम्मान दिए जाने पर उंगली उठ रही है। कतिपय अधिकारियों की मिलीभगत से प्रशिक्षणरत शिक्षकों को भी राज्यपाल सम्मान के लिए चुन लिया जाना आश्चर्यजनक है। छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों के शिक्षक 2023 में शिक्षक सम्मान के लिए प्रविष्टि जमा करने के बाद भी केवल इसलिए वंचित रह गए कि नियत तिथि तक संबंधित जिला शिक्षाधिकारीयों ने प्रविष्टि संचालनालय तक नहीं पहुंचाई। दूसरी ओर अपात्र शिक्षक को सम्मान के लिए चुने जाने से विभाग की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाई जा रही है।
विश्वस्त सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार बालोद जिले का एक व्याख्याता धर्मेंद्र कुमार बीते दो वर्षों से शंकर नगर रायपुर में मास्टर ऑफ एजुकेशन (एमएड) का प्रशिक्षण ले रहे हैं। जानकार सूत्रों का दावा है कि वह व्याख्याता ‘सरनेम’ बदलकर यह डिग्री ले रहे हैं। इसकी जानकारी छुपाकर राज्य शिक्षक सम्मान के लिए प्रविष्टि जमा कराई गई है। आश्चर्यजनक है कि राज्यपाल सम्मान के लिए नियम विरुद्ध उनका चयन भी हो गया। चयन सूची में क्रमांक 7 पर नाम है। अब आगामी 5 सितम्बर को राजभवन में राज्यपाल के हाथों इस ‘कथित प्रकरण की कार्यवाही होंगी ||
राज्य शिक्षक सम्मान के लिए 34 बिंदुओं में प्रविष्टि भरकर जमा करना होता है
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान पुरस्कार वर्ष 2023 के लिए निम्नांकित दिशा-निर्देश जारी किए गए थे-
1. जिन शिक्षकों के प्रस्ताव भेजे जायें, उनके बारे में स्पष्ट रूप से पता कर लें कि अनुशंसित शिक्षक कार्यरत संस्था में नियमित कक्षा अध्यापन कराते हैं।
2.शिक्षक से तात्पर्य शिक्षाकर्मी, शिक्षक एल.बी, सहायक शिक्षक, शिक्षक, प्रधान अध्यापक, व्याख्याता तथा प्राचार्य से है जो विद्यालय में कार्यरत रहकर नियमित कक्षा अध्यापन करा रहे हैं।
3. प्रशिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत / कार्यरत शिक्षक, प्रोफेसर्स, व्याख्याता, प्राचार्य, स्कूल संकुल समन्वयक, बी.आर. सी. समन्वयक, सर्पोंटिंग टीचर के प्रस्ताव राज्यपाल पुरस्कार के लिये न भेजें।
4. राज्यपाल पुरस्कार 2023 के लिये शिक्षकों, शिक्षक एल.बी. का शिक्षण अनुभव 31 दिसम्बर 2022 को 15 वर्ष तथा प्राचार्यों का 20 वर्ष होना अनिवार्य है। शिक्षाकर्मियों का शिक्षण अनुभव 31 दिसम्बर 2022 को 12 वर्ष का मान्य है।
5. जिन शिक्षकों के प्रस्ताव पुरस्कार के लिए भेजे जा रहे हैं, उन शिक्षकों के बारे में ठीक तरह से पता कर लें कि वह शिक्षक चरित्रवान, नियमित कक्षा अध्यापन करने वाले तथा निष्कलंक हो। इस संबंध में अपने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी /
6. प्राचार्य, जनप्रतिनिधि (पंच-सरपंच) आदि से पता कर लें।
6. प्रत्येक प्रस्ताव के आवरण पृष्ठ / फाइल पर स्पष्ट रूप से लिखा हो- “राज्य पुरस्कार 2023 के लिये”
7. पुरस्कार के लिये अनुशंसित शिक्षकों की पिछले 05 वर्षों की गोपनीय चरित्रावली (2017 से 2022 तक) तथा दो रंगीन पासपोर्ट फोटो बंद लिफाफे में प्रस्ताव के साथ ही भेजना सुनिश्चित करें।
8. जिन शिक्षकों के प्रस्ताव पुरस्कार के लिए भेजें उनसे संबंधित निष्कलंक चरित्र प्रमाण पत्र जिला शिक्षा अधिकारी/सहायक आयुक्त, आ.जा.क. विभाग/ शिक्षा अधिकारी नगर निगम/नगर पालिका द्वारा देना होगा।