तिल्दाधार्मिक

Hartalika Teej 2024: आज हरितालिका तीज कल ‘करू-भात’ खाकर तैयार महिलाये…

रवि कुमार तिवारी,

तिल्दा : छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति से जुड़ा दो दिनों तक चलनेे वाला तीजा व्रत-पर्व गुरुवार की रात, ‘करु-भात’ खाने की रस्म के साथ शुरू हो गया। महिलाओं ने पति की लंबी उम्र और सफल जीवन के लिए व्रत की शुरुआत की।

गुरुवार रात शुरू हुआ यह व्रत शनिवार को चतुर्थी तिथि तक जारी रहेगा। इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखेंगी। इस बीच शुक्रवार की रात घरों में महिलाएं इकट्ठा होकर सामूहिक रूप से शिव-पार्वती की पूजा करेंगी। इसके बाद रातभर भजन-कीर्तन करते हुए सभी रात्रि जागरण करेंगी। सुबह नदी के बालू से बनाए गए भगवान शिव की प्रतिमा का विधिविधान से विसर्जन किया जाएगा।

इसलिए खाया जाता है ‘करु-भात’

आज हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा। इससे पहले गुरुवार को करु भात खाने की परंपरा पूरी की गई। आमजन में यह सवाल उठता है कि तीजा से पहले करु भात यानी करेले की सब्जी और चावल क्याें खाया जाता है। इस बारे में पंडित संतोष शर्मा बताते हैं कि तीजा का व्रत निर्जला रखा जाता है। इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य है कि करेला खाने से ज्यादा प्यास नहीं लगती। इससे व्रत के दौरान निराहार रहने के बावजूद शरीर में एनर्जी बनी रहती है। वे बताते हैं कि अब करु भात खाना परंपरा का हिस्सा बन गया है और व्रत से पहले इसे खाना जरूरी माना जाता है।

महिलाओं के लिए होगी रस्सी कूद और कुर्सी दौड़ स्पर्धा

तिल्दा शहर सहितआसपास के गावों में तीज महोत्सव का आयोजन किया गया है। इस मौके पर महिलाओं के लिए खो-खो, फुगड़ी, रस्सी कूद, कुर्सी दौड़, मटकी फोड़ आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।

गणेश उत्सव कल से, विराजेंगे बप्पा

गणेश चतुर्थी शनिवार को है। इस दिन तिल्दा नेवरा शहर सहित गावों में जगह-जगह पर प्रतिमाएं स्थापित करने की तैयारी की गई है। शहर में कई थीम पर गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। कहीं गणेश जी प्रकृति संरक्षण का संदेश देंगे तो कहीं भ्रूण हत्या नहीं करने का। शहर के सिंधीकैम्प , स्टेशन रोड,गाँधी चौक, पुरानी बस्ती, जैसे इलाकों में अलग-अलग थीम पर प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी की गई है।

घर से बाजार तक तीज की रौनक

तीजा पर गुरुवार को शहर के बाजार में रौनक रही। इस दौरान महिलाएं खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में बाजार पहुंचीं। श्रृंगार सामग्री के साथ ही पूजन का सामान खरीदने महिलाएं बाजार पहुंचीं। इस बीच परंपरा के अनुरूप घरों में बेटियां तीजा मनाने के लिए पहुंचीं। तीजा लाने का क्रम पोला के दिन ही शुरू हो जाता है। विवाहित बेटियां माइके में आकर यह व्रत रखती हैं। मायके के पुरुष उन्हें लेने के लिए उनके ससुराल जाते हैं।

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