मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली पाठ है दुर्गा सप्तशती, इन 7 श्लोकों में करें आसानी से पूरा…
आज 3 अक्टूबर से जहां पर शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई हैं वहीं पर यह हिंदू धर्म में सबसे खास रातों में से एक होता है। मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं तो आपको कई नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है इस कड़ी में आज हम आपको दुर्गा सप्तशती के पाठ के बारे में बता रहे है।
यह मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली पाठ में से एक होता है इसे पढ़ना आसान नहीं होता है क्योंकि इस कई पाठ होते हैं जो हर कोई आसानी से पूरा नहीं करता है।
यहां पर दुर्गा सप्तशती का पाठ अगर आप करने वाली हैं तो हम आपको आसान तरीका बताते हैं जिससे आप इस खास पाठ को पढ़ पाएंगे। आपको मात्र उन 7 श्लोकों को पढ़ना जिनमें दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का सार छुपा हुआ है। इन श्लोकों के जाप से इस संपूर्ण पाठ को पढ़ने जितना ही फल मिलता है और अनेकों लाभ भी पहुंचते हैं।
इन 7 श्लोकों में समाया हैं पाठ का पूरा सार
अगर आप प्रभावशाली पाठ में से एक दुर्गा सप्तशती का पाठ पूरा करना चाहते हैं तो, इन 7 श्लोकों को आसानी से पढ़ सकते है। इन श्लोकों के जाप से इस संपूर्ण पाठ को पढ़ने जितना ही फल मिलता है और अनेकों लाभ भी पहुंचते हैं।
1- ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।।1।।
2- दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेष जन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्र्य दुःख भयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकार करणाय सदार्द्रचित्ता।।2।।
3- सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते॥3॥
4- शरणागत दीनार्तपरित्राण परायणे सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोस्तु ते॥4॥
5-सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते॥5॥
6- रोगानशेषानपंहसि तुष्टारुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हि आश्रयतां प्रयान्ति॥6॥
7-सर्वबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यम् अस्मद् वैरि विनाशनम्॥7॥
यहां पर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियां हल दूर हो जाएगा।
-जीवन में आ रही कठिनाईयों को दूर करने की शक्ति इस पाठ से मिलती है।
-महिलाओं को इस सप्तशती का पाठ करने से जीवन में सफलता (जीवन में सफलता पाने के वास्तु टिप्स) का उच्च पद मिलता है।
-इन श्लोकों का पाठ करने से संतान, वैवाहिक सुख और सामाजिक प्रतिष्ठा में मदद मिलती है।
कहा जाता है कि, इन सातों श्लोकों में भगवान शिव (भगवान शिव की विशेष स्तुति) ने माता पार्वती के रूप का वर्णन और उनके अवतारों के बारे में बताया है। यह 7 श्लोक दुर्गासप्तश्लोकी के हैं। यानी कि सात श्लोकों से बना दुर्गासप्तशती पाठ का छोटा भाग। इन श्लोकों में मां दुर्गा के दिव्य तेज, उनके सौंदर्य और उनके साहस का संपूर्ण वर्णन मिलता है।