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DAVV की पहली महिला कुलपति डॉ.रेणु जैन की खट्टी-मीठी यादें, सुनिए उन्हीं की जुबानी

इंदौर: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति प्रो. रेणु जैन का कार्यकाल 28 सितंबर को समाप्त हो गया. वह नए कुलपति के पदभार संभालने से पहले तक जिम्मेदारी निभा रही हैं. उनकी जगह प्रोफेसर राकेश सिंघई को विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है. राजभवन द्वारा हाल ही में नए कुलपति को लेकर आदेश जारी किए गए हैं. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति के रूप में डॉ. रेणु जैन ने लगभग 5 साल कार्य किया. विश्वविद्यालय में धारा 52 लगने के बाद प्रभारी कुलपति के रूप में प्रो. रेणु जैन की नियुक्ति की गई थी. कुलपति रही डॉ.रेणु जैन से खास बातचीत की.

रेणु जैन ने अपने कार्यकाल की ये उपलब्धियां बताईं

प्रभारी कुलपति के बाद उन्हें स्थाई कुलपति के रूप में 4 साल के लिए नियुक्त किया गया. डीएवीवी में करीब 24 साल बाद ऐसा हुआ जब किसी कुलपति द्वारा अपना कार्यकाल पूरा किया गया. डॉ. रेणु जैन के नाम विश्वविद्यालय को दी गई कई उपलब्धियां हैं. विश्वविद्यालय को नेक से ए ग्रेड के बाद ए प्लस ग्रेड दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही. विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का प्रमोशन, शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई. कई नए विभागों की स्थापना कराई गई.

डीएवीवी के नए कुलपति से क्या-क्या उम्मीदें

रेणु जैन के कार्यकाल में ही कई रोजगारोन्मुख कोर्स की शुरुआत हुई. उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां और उनके द्वारा किए गए कार्यों को साझा किया. “विश्वविद्यालय में कहीं ऐसे काम शेष रह गए हैं, जो उनके द्वारा किए जाने थे. हालांकि उम्मीद है कि नए कुलपति विश्वविद्यालय की कमान संभालेंगे, वह उन्हें पूरा करेंगे. मुख्य तौर पर विश्वविद्यालय के कई विभागों के नए भवन, एनआईआरएफ रैंकिंग में टॉप 100 में शामिल होना विश्वविद्यालय की प्रक्रिया को ऑटोमेशन करना जैसे काम जल्द ही पूरी किए जाएंगे

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