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बैंक अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाने के बाद अगर कोई नॉमिनी नहीं है तो किस मिलेगा पैसा..

नई दिल्ली : अक्सर ऐसा होता है किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और उसका बैंक में खाता खुला होता है। मामला तब जटिल होता है जब अकाउंट में नॉमिनी का नाम नहीं जोड़ा हुआ होता है है। बैंक के नियम के अनुसार ,किसी के के बैंक अकाउंट का होल्डर की मौत हो जाती है तो उसके खाते में जमा रकम नॉमिनी को दी जाती है लेकिन नॉमिनी ना जुड़ा होने पर व्यक्ति को पैसा कैसे मिलते हैं यहां जानते हैं ।

नॉमिनी का नाम पता अपडेट करने के लिए बैंक की तरफ से कहा जाते हैं

आजकल का काम बिना बैंक अकाउंट के नहीं होता है। बैंक अकाउंट खोलने के दौरान ही नॉमिनी को जोड़ दिया जाता। है। बैंक से सेविंग अकाउंट या फिर करंट अकाउंट हो या फिर ज्वाइंट अकाउंट हो या डिमैट अकाउंट सभी में नॉमिनी नाम से जोड़ना आवश्यक है। बैंक वाले अकाउंट होल्डर से नॉमिनी का नाम, उनका आपस में संबंध, नॉमिनी का उम्र, पता, शिक्षा पैन नंबर यह सब की जानकारी लेते है।इसके साथ ही पुराने एकाउंट में भी नॉमिनी का नाम पता अपडेट करने के लिए बैंक की तरफ से कहा जाते हैं। इसके बावजूद भी कई सारे ऐसे बैंक अकाउंट में नॉमिनी का नाम मौजूद नहीं होता और ग्राहक लापरवाही करते हैं और नाम नॉमिनी का नहीं जोड़ पाए और कई बार अपडेट भी नहीं किया।

सके बैंक अकाउंट बैंक में जमा किया और कब किसे दी जाती है

अब यह सवाल उठता है की किसी बैंक में किसी बैंक होल्डर का खाता है उसमें नॉमिनी का नाम जुड़ा हुआ नहीं है तो बैंक अकाउंट होल्डर कीमृत्यु हो जाती है तो यह पैसा कैसे मिलेगा यहां जानते हैं बैंक अकाउंट खोलने पर चलने के लिए नॉमिनी का नाम होना इतना जरूरी क्यों है । इसके साथ ही किसी बैंक के लिए नॉमिनी को नहीं बनाया गया तो उस बैंक अकाउंट होल्डर की किसी कारण मौत हो जाती है तो उसके बैंक अकाउंट बैंक में जमा किया और कब किसे दी जाती है।

उसके बाद मामला तब जटिल हो जाता है

बैंक अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है उसके बाद मामला तब जटिल हो जाता है जब बैंक अकाउंट में नॉमिनी का नाम नहीं जोड़ा गया है बैंक नियम के मुताबिक ,अगर खाते में किसी नॉमिनी का नाम नहीं जुड़ा है दरमियान खाताधारक की मौत हो जाती है तो जमा रकम उसके कानूनी उत्तराधिकारी को सौंपे जाते है। आमतौर पर किसी भी विवाहित पुरुष के कानूनी उत्तराधिकारी उसकी पत्नी ,बच्चे और माता-पिता होते हैं। वही अविवाहित पुरुष के कानूनी वारिस के रूप में उसके माता-पिता या फिर भाई बहन भी जमा रकम पर दावा कर सकते हैं।

अकाउंट बैंक में नॉमिनी का नाम नहीं होने पर कानूनी उत्तराधिकारी को बैंक के ब्रांच में जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करवाना होगा

बैंक अकाउंट में नॉमिनी का नाम नहीं जुड़ा होने पर अकाउंट होल्डर की जमा रकम पाने के लिए उसके कानूनी उत्तराधिकारी को काफी कागजी कार्यवाही करनी पड़ेगी। इस पूरी प्रक्रिया में समय भी लग सकता है। अकाउंट होल्डर की मौत हो जाने के बाद बैंक अकाउंट बैंक में नॉमिनी का नाम नहीं होने पर कानूनी उत्तराधिकारी को बैंक के ब्रांच में जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करवाना होगा। इन डॉक्युमेंट में भी अकाउंट होल्डर को डेथ सर्टिफिकेट क़ानूनी ,कानूनी उत्तराधिकारी का पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, केवाईसी लेटर ऑफ डिस्क्लेमर एनेक्सचर-ए, लेटर ऑफ इंट्रामेंट्री एनेक्सचर-C रेजिडेंशियल प्रूफ वगैरह शामिल होते हैं।

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