धार्मिक

खास मंदिर जहां पर भक्त, लंकापति रावण को दशहरा के दिन पूजते हैं…

नई दिल्ली : शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के बाद दशमी तिथि को दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम ने रावण के अहंकार को तोड़ते हुए वध किया था। कहा जाता हैं कि, रावण में कई सारी अच्छाई थी जिसे ज्ञानी, पंडित के नाम से जाना जाता है। दशहरा के मौके पर वैसे तो रावण का दहन किया जाता हैं लेकिन देश में कई मंदिर ऐसे भी जहां पर रावण को भगवान की भांति पूजा जाता है। यहां पर हम बात कर रहे हैं उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक खास मंदिर की जहां पर भक्त, रावण की दशहरा के दिन पूजा करते है।

135 साल पुराना हैं मंदिर

राजधानी लखनऊ में यह मंदिर आपको पुराने शहर चौक में रानी कटरा में चार धाम मंदिर के नाम से स्थित मिलेगा। इस मंदिर में दरअसल चार धामों को स्थान दिया गया है इसलिए इसे चार धाम मंदिर कहा जाता है। रावण का यह प्राचीन मंदिर 135 साल पहले बनाया गया था। इसे लेकर मंदिर के पुजारी सियाराम अवस्थी बताते हैं कि, इस मंदिर को 135 पहले ही कुंदन लाल कुंज बिहारी लाल ने बनवाया था। कहा जाता है कि, इस चार धाम मंदिर में रावण दरबार बना हुआ है, जो खुलता तो रोज है लेकिन दशहरा में धूमधाम से रावण कि पूजा कि जाती है. इस मंदिर में रावण का दरबार बना हुआ है, इसमें रावण सिंहासन पर बैठे है. उनके मंत्री, बेटे और भाई समेत अन्य दानव दरबार में बैठे हुए है।

जानिए क्यों करते हैं रावण की पूजा

इस मंदिर में दशहरा के दिन विधि विधान के साथ रावण की पूजा की जाती है। इसे लेकर रावण के पूजन को लेकर मंदिर के पुजारी सियाराम बताते हैं कि, दशहरा के दिन रावण की पूजा कि जाती है. इसके पीछे का मकसद उसकी विद्वता से सीखना और बुराइयों से खुद को दूर रखना है। कहते हैं कि, रावण विद्वान पंडित था. महादेव का भक्त होने के साथ साथ भगवान राम के लिए उसके दिल में सम्मान था. वह जानता था कि राम के हाथों ही उसका वध होगा बावजूद इसके उसने सीता का अपहरण किया था। बताया जाता हैं कि, रावण के ज्ञानी और विद्वान होने की वजह से भक्त यहां पर रावण का पूजन करते है। भक्त नवरात्र के समय पर इस मंदिर में आते हैं कहते हैं यहां पर अलग भाव नजर आता है। यह मंदिर चमत्कारी भी है।

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