नरेंद्र श्रीवास्तव,
दंतेवाड़ा। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देशन में जिले के सभी स्कूलों, आश्रमों और पोटा केबिनों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का नेत्र परीक्षण चल रहा है। यह कार्यक्रम जिला के नेत्र सहायक अधिकारी और चिरायु टीम द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस जांच में मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, रेटीना अलग होना, भेंगापन आदि की जांच की जा रही है।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 55 स्कूलों के 5199 छात्र-छात्राओं की जांच की है। इस दौरान 254 छात्रों में दृष्टि दोष पाया गया है, और 18 छात्रों को आंखों से संबंधित समस्याओं के कारण जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
यह पहल छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण है, क्योंकि आंखों से संबंधित समस्याएं अक्सर समय पर पहचान नहीं होने पर गंभीर रूप धारण कर सकती हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय रामटेके ने कहा कि यह अभियान सभी छात्रों को उचित उपचार और देखभाल प्रदान करने की दिशा में एक कदम है।
इस जांच के दौरान किसी भी छात्र को आंखों की समस्या पाए जाने पर तुरंत जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है, जिससे उन्हें समय पर विशेषज्ञ चिकित्सा मिल सके। इसके अलावा, स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, ताकि छात्रों को आंखों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके।
जिला प्रशासन का यह प्रयास निश्चित रूप से दंतेवाड़ा के छात्रों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक साबित होगा। शिक्षा और स्वास्थ्य के इस संगम से आने वाली पीढ़ी को एक स्वस्थ और उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सकेगा।