कोरबा। छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले के बाद अब आबकारी विभाग के प्लेसमेंट एजेंसी का बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। आरोप है कि शराब दुकान में फर्जी स्टाफ की भर्ती दिखाकर एजेंसी के लोग हर महीने लाखों रूपये का घोटाला कर रहे है। ऐसा ही मामला कोरबा में सामने आया है, यहां प्लेसमेंट एजेंसी के इशारे पर दुकान में महज हाजरी लगाकर पैसा उठाने वाले लोगों ने मामले का सनसनीखेज खुलासा किया है। इस मामले के खुलासे के बाद जहां आबकारी विभाग और प्लेसमेंट एजेंसी के बीच हड़कंप मचा हुआ है। वहीं आबकारी अधिकारी ने इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुए शराब घोटाल की गुंज आज भी पूरे छत्तीसगढ़ में सुनाई देती है। अभी ये मामला शांत भी नही हुआ है, इसी बीच कोरबा जिला के शराब दुकानों में स्टाफ की भर्ती करने वाली प्लेसमेंट एजेंसी का फर्जीवाड़ा सामने आया है। कोरबा में रहने वाले निकेश सिंह और बृजेंद्र कुमार द्विवेदी ने खुलासा किया है कि वे निजी कंपनी में पहले से कार्यरत है। उनकी मुलाकात आबकारी विभाग में प्लेसमेंट एजेंसी आल सर्विस ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड के अमन सिंह, लवसिंह और कुुश सिंह से हुई थी। उनके द्वारा निकेश और बृजेंद्र को शहर के राताखार और निहारिका शराब दुकान में सुबह-शाम हाजरी लगाने के लिए तैयार किया गया।
प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मियों ने उन्हे बताया था कि सुबह-शाम हाजरी लगाने के एवज में उनके खाते में हर महीने 25 हाजर रूपये मिलेंगे। जिसमें से 5 हजार रूपये उनका होगा, जबकि बाकी के 20 हजार रूपये उन्हे प्लेसमेंट एजेंसी को वापस करना होगा। निकेश कुमार सिंह ने बकायदा निहारिका स्थित अंग्रेजी शराब दुकान में पहुंचकर मोबाइल से एबीएस सिंस्टम से हाजरी लगाकर दिखाया गया।
उन्होने साफ किया कि वो इस दुकान में काम नही करते है, बावजूद इसके सुबह-शाम सिर्फ हाजरी लगाने के एवज में उन्हे हर महीने मिलने वाले 25 हजार रूपये के सैलरी में से 5 हजार रूपये काटकर बाकी के पैसे वापस प्लेसमेंट एजेंसी के लव-कुश सिंह या फिर अमन सिंह को लौटाना पड़ता है।
निकेश सिंह ने दावा किया कि उन्होने बकायदा आॅन लाइन बैंकिंग के जरिये प्लेसमेंट एजेंसी के लोगों को पैसा दिया है, इसका उनके पास सबूत भी है। निकेश सिंह और बृजेंद्र कुमार द्विवेदी के इस खुलासे के बाद एक बार फिर आबकारी विभाग और प्लेसमेंट एजेंसी सवालों के घेरे में है। वहीं इस पूरे मामले पर जिला आबकारी अधिकारी आशा सिंह से जानकारी चाही गयी, तो उन्होने बताया कि उन्होने तीन दिन पहले ही कवर्धा से कोरबा जिले का प्रभार लिया है। ऐसी कोई भी गड़बड़ी सामने आती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जायेगी।
आरोप लगाने वाले निकेश सिंह की माने तो हर दुकान में एक से दो कर्मचारी फर्जी हाजरी लगाकर वेतन निकाल रहे है। ऐसे में जिले के 37 दुकानों में यदि 37 कर्मचारी भी फर्जी वेतन निकालते है, तो हर महीने करीब 9 लाख 25 हजार और साल में करीब 1 करोड़ 11 लाख रूपये का घोटाला सीधे तौर पर किया जा रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि दिन दहाड़े चल रहे इस घोटाले पर आज तक आबकारी विभाग के जवाबदार अफसरों की नजर क्यों नही पड़ी ? या फिर इस खेल में आबकारी विभाग के अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध है ? ये तो जांच के बाद ही साफ हो सकेगा।
आबाकारी विभाग में प्लेसमेंट एजेंसी के इस स्कैम का खुलासा तब हुआ जब एजेंसी के कर्मचारियों का ही पैसों पर नीयत बिगड़ गया। पुलिस में शिकायत करने वाले बृजेंद्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि वह हिंद एनर्जी में काम करने के साथ ही एजेंसी के कर्मियों के कहने पर राताखार शराब दुकान में सुबह-शाम हाजरी लगाने जाता था। दो महीने उसके अकाउंट में पैसे भी आये।
जिसे उसने एजेंसी के लव सिंह को अपना कमीशन काटकर दे दिया। इस बार जब वह अपना कमीशन काटकर पैसा देने गया, तब लवसिंह उस पर पूरा पैसा देने का दबाव बनाने लगा। पैसा नही देने पर लवसिंह ने बृजेंद्र द्विवेदी की बाइक को लूट ली थी, जिसमें उसने हिंद एनर्जी कंपनी का एक लाख रूपये का पेेमेंट रखा हुआ था। बाइक और पैसों की लूट होने के बाद बृजेंद्र ने मानिकपुर पुलिस चौकी में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे थे। जहां पीड़ित पक्ष ने लूट के साथ ही प्लेसमेंट एजेंसी आल सर्विस ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड के फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार का खुलासा भी किया गया।