छत्तीसगढ़बिलासपुर

पितृ पक्ष को लेकर जान लें सनातन धर्म में क्या है नियम, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद

बिलासपुर। पितृ पक्ष का सनातन धर्म में अलग ही महत्व है। कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। इसके बाद ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है। हर काम में सफलता मिलती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारंभ होता है और आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर खत्म हो जाता है। पितृ पक्ष पूर्वजों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए सबसे अच्छा अवसर होता है। पितृ पक्ष का समापन 25 सितंबर, मंगलवार को होगा। अमूमन पितृ पक्ष 15 दिन का होता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज तिवारी के मुताबिक इस बार पितृ पक्ष 16 दिनों का होगा। इस बार अष्टमी का श्राद्ध 17 सितंबर के बजाय 18 को होगा। पितृ पक्ष में पूवर्जों का तर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पितृ पक्ष के दौरान श्रद्धा पूर्वक पितृ देव को जल देने का विधान है। इस दौरान सनातन धर्म में कुछ जरूरी नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करना चाहिए। पितृपक्ष में पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 15 दिन तक जो कोई भी श्राद्ध कर्म करते हैं, उन्हें बाल और दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए।

कहा जाता है कि पितृ पक्ष में बाल-दाढ़ी कटवाने से धन की हानि होती है। ऐसे में जो लोग पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त तर्पण करते हैं। उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। श्राद्ध पक्ष में घर पर सात्विक भोजन करना अच्छा होता है। खासतौर पर उनके लिए जो पितृ पक्ष में रोजाना तर्पण करते हैं। पितृ पक्ष के दौरान तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए। यदि पितरों की मृत्यु की तिथि याद है तो तिथि अनुसार पिंडदान करना सबसे उत्तम होता है।

पितृ पक्ष श्राद्ध की तिथियां

 

10 सितंबर – पूर्णिमा का श्राद्ध

 

11 सितंबर – प्रतिपदा का श्राद्ध

 

12 सितंबर – द्वितीया का श्राद्ध

 

12 सितंबर- तृतीया का श्राद्ध

 

13 सितंबर- चतुर्थी का श्राद्ध

 

14 सितंबर- पंचमी का श्राद्ध

 

15 सितंबर- षष्ठी का श्राद्ध

16 सितंबर- सप्तमी का श्राद्ध

 

18 सितंबर- अष्टमी का श्राद्ध

 

19 सितंबर- नवमी श्राद्ध

 

20 सितंबर- दशमी का श्राद्ध

 

21 सितंबर- एकादशी का श्राद्ध

 

22 सितंबर- द्वादशी/संन्यासियों का श्राद्ध

 

23 सितंबर- त्रयोदशी का श्राद्ध

 

24 सितंबर- चतुर्दशी का श्राद्ध

 

25 सितंबर- अमावस्या का श्राद्ध

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button