बालोद

संविदा अवधि समाप्त होने के बाद भी अधिकारी बने बैठे हैं कुर्सी पर, वन विभाग पर मनमानी का आरोप

बालोद। जिले के लघु वनोपज कार्यालय में पदस्थ डिप्टी एमडी अधिकारी की संविदा नियुक्ति एक साल पहले की गई थी। हालांकि, उनकी संविदा अवधि 5 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद वे अब भी अपने पद पर काबिज हैं। इस मामले को लेकर जिले के वन मंडलाधिकारी से स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की गई। जब उनसे पूछा गया कि क्या अधिकारी को कार्यकाल बढ़ाने संबंधी कोई निर्देश मिला है, तो उन्होंने “ऊपर से निर्देश” का हवाला दिया। हालांकि, लिखित जानकारी देने के सवाल पर वन मंडलाधिकारी ने अस्पताल में भर्ती होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया।

इस मामले पर लघु वनोपज सहकारी समिति के जिला प्रतिनिधि हिंसा राम साहू ने वन मंडलाधिकारी पर मनमानी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संविदा कार्यकाल समाप्त होने के बाद उस पद पर किसी अन्य व्यक्ति की नियुक्ति की जानी चाहिए, लेकिन बालोद के वन विभाग में नियमों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है। हिंसा राम साहू ने यह भी कहा कि पूरे मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों और शासन स्तर पर की जाएगी, ताकि दोषियों पर उचित कार्रवाई हो सके।

आपको बता दें कि पूर्व सहायक वन संरक्षक मधुसूदन डोंगरे को सेवानिवृत्ति के बाद 6 अक्टूबर 2023 को जिला लघु वनोपज सहकारी संघ, बालोद में सहायक वन संरक्षक के पद पर संविदा नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल 5 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो चुका है। इसके बावजूद, बिना पुनः नियुक्ति के उनसे कार्य लिया जा रहा है, जो शासन के नियमों का उल्लंघन है।

अब यह देखना होगा कि बालोद जिले के वन विभाग में संविदा समाप्ति के बाद भी अधिकारी को उच्चाधिकारियों का संरक्षण कब तक मिलता रहेगा और शासन कब इस मामले में कार्रवाई करेगा।

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