दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
बलौदाबाजार। बलौदाबाजार में दिव्यांगजन के सशक्तिकरण और उनकी समस्याओं के समाधान हेतु जनमानव विकलांग कल्याण संघ (JMVKS) और साइटसेवर्स इंडिया के संयुक्त प्रयास से एक दिवसीय जिला स्तरीय इंटरफेस कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला बलौदाबाजार जनपद कार्यालय के सभागार में आयोजित हुई, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों, संघ के प्रतिनिधियों और दिव्यांगजन ने भाग लिया।
कार्यशाला का शुभारंभ बलौदाबाजार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी फकीरचंद द्वारा किया गया। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने दिव्यांगजन के सशक्तिकरण के लिए सरकारी योजनाओं और सेवाओं को सरल और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। संघ के अध्यक्ष घनश्याम साहू ने कार्यशाला के उद्देश्यों और कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की। सावित्री यदु ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत कानूनों और अधिकारों के बारे में जानकारी दी।
इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने दिव्यांगजन के लिए चलाई जा रही योजनाओं और सेवाओं पर विस्तार से चर्चा की। श्रम विभाग के श्री कार्तिकेश दुबे ने श्रम कार्ड, सिलाई मशीन और आवास के लिए आर्थिक सहायता जैसी सुविधाओं के बारे में बताया। परिवहन विभाग की निशा वर्मा ने दिव्यांगजन को सार्वजनिक परिवहन में मिलने वाली रियायतों और सुविधाओं की जानकारी दी। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी प्रकाश दास ने मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना और बेसहारा बच्चों के लिए दत्तक ग्रहण योजना के तहत दी जा रही सहायता पर चर्चा की।
कार्यशाला में जिला समन्वयक राजेश वर्मा ने संघ द्वारा अब तक किए गए कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। सुरक्षा विभाग की ओर से निधि नाग ने दिव्यांग और महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित सेवाओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में राज्य प्रबंधक प्रांजल त्रिपाठी और राज्य सलाहकार संदीप कुमार राय ने साइटसेवर्स इंडिया की ओर से दिव्यांगजन के कल्याण और योजनाओं को प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों ने दिव्यांगजन की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने और उनके कल्याण के लिए समुचित प्रयास करने का आश्वासन दिया। उन्होंने योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के सुझाव भी दिए।
यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें जनमानव विकलांग कल्याण संघ के पदाधिकारियों और दिव्यांगजन का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम ने दिव्यांगजन की जरूरतों को समझने और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया।’