हिंदुओं पर हिंसा के मामले में पाकिस्तान से भी आगे निकला बांग्लादेश, हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के 2,200 मामले
डेस्क। भारत के पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की हालत किसी से छिपी नहीं हुई है। इस साल पाकिस्तान से ज्यादा बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के अधिक केस हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद यहां इन हिंसक घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने पड़ोसी राज्यों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। साथ ही बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया हैं।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने सरकार की गंभीर चिंताओं और सुरक्षात्मक उपायों की अपेक्षा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में आठ दिसंबर 2024 तक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के 2,200 मामले सामने आए। वहीं, इसी अवधि के दौरान पाकिस्तान में भी ऐसे 112 मामले सामने आए। बता दें, भारत के विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी, जिसमें अल्पसंख्यक और मानवाधिकार संगठनों के आंकड़ों का हवाला दिया गया था।
मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश में साल 2022 में जहां 47 हमले हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ सामने आए थे। वहीं, पाकिस्तान में यह संख्या 241 थी। इसके बाद 2023 में बांग्लादेश में 302 मामले सामने आए और पाकिस्तान में 103। वहीं, इस साल बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसाओं पर जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
बारीकी से रख रहे नजर: मंत्री कीर्ति वर्धन
सिंह ने कहा कि भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों से संबंधित स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। बांग्लादेश को हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में भारत की चिंताओं से अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने बांग्लादेश सरकार से बार-बार हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने दुर्गा पूजा के दौरान हमलों के बाद सुरक्षा बढ़ाने के लिए सेना और बॉर्डर गार्ड्स को तैनात किया था।