नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ जारी अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। नारायणपुर जिले में माड़ बचाओ अभियान के तहत 7 महिला समेत 29 नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले ये सभी नक्सली कुतुल एरिया कमेटी के सदस्य थे, जो लंबे समय से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे।
आत्मसमर्पित नक्सलियों ने बताया कि संगठन में बढ़ते मतभेद, विचारधारा से मोहभंग और अंदरूनी शोषण के कारण उन्होंने नक्सलवाद छोड़ने का फैसला किया। इसके अलावा, कोडलियार में नए पुलिस कैंप खुलने का भी बड़ा असर पड़ा, जिससे नक्सली अब मुख्यधारा में लौटने का रास्ता चुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की पुनर्वास नीति ने उन्हें एक नई उम्मीद दी और अब वे सामान्य जीवन जीना चाहते हैं।
2024 से अब तक 71 नक्सलियों ने किया सरेंडर-
नारायणपुर पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार (भा.पु.से.) ने कहा कि शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि “माड़ बचाओ अभियान” ने इन नक्सलियों को एक नई दिशा दी है। अधिकारी ने कहा कि माओवादी विचारधारा से भटके नक्सलियों को उनके परिवार वाले भी वापस लाना चाहते हैं। उन्होंने सभी नक्सलियों से अपील करते हुए कहा, “अब समय आ गया है कि माड़ को उसके मूलवासियों को सौंप दिया जाए, ताकि वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।” पुलिस प्रशासन की इस मुहिम का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। वर्ष 2024 से अब तक 71 बड़े और छोटे कैडर के नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 60 से अधिक नक्सली मारे गए और 50 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं। इससे नक्सली संगठन लगातार कमजोर पड़ते जा रहे हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 22 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं, जिनमें कई मिलिशिया सदस्य, पंचायत सरकार के सदस्य, कला टीम के सदस्य और माओवादी कमांडर भी शामिल हैं। पुलिस ने उनकी सूची जारी करते हुए जानकारी दी कि इन सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएगा और वे सामान्य जीवन जीने में सक्षम होंगे।