हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार गंगा में स्नान के समय कितनी लगानी चाहिए डुबकियां? जानें क्या हैं नियम
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महाकुंभ 2025: प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है. जिसमें तमाम साधु संत और श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी संगम में डुबकी लगाई. लोग महाकुंभ के अलावा भी अक्सर गंगा स्नान करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं गंगा में स्नान के समय कितनी डुबकियां लगानी चाहिए.
इस बारे में हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है. साथ ही गंगा स्नान के अन्य नियम भी बताए गए हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार…
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा स्नान का महत्व बहुत अधिक है. गंगा स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापाों का नाश हो जाता है. गंगा स्नान इतना पावन माना जाता है कि इससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. पूर्णिमा, गंगा दशहरा और अमावस्या जैसे मौकों पर गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए. इन मौकों पर गंगा में डुबकी लगाने को विशेष पुण्यकारी माना गया है.
गंगा स्नान करते समय लगाएं इतनी डुबकी
वहीं गंगा में स्नान करते समय कम से कम 3, 5 या 7 बार डुबकी लगानी चाहिए. 3, 5 या 7 डुबकी बहुत ही शुभ मानी गई है. इसके अलावा गंगा स्नान करते हुए 5, 7 या 12 बार भी डुबकी भी लगाई जा सकती है. गंगा स्नान करते समय ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू’ मंत्र का जाप करना चाहिए.
गंगा स्नान के ये हैं नियम
- गंगा में सीधे पैर से प्रवेश नहीं करना चाहिए.
- स्नान के लिए जाते समय सबसे पहले माता के दर्शन कर उनको प्रणाम करना चाहिए.
- फिर गंगाजल को मस्तक से लगाना चाहिए.
- इसके बाद गंगा में स्नान शुरू करना चाहिए.
- गंगा में स्नान करते समय साबुन, शैंपू या डिटर्जेंट का उपयोग करना चाहिए.
- गंगा में स्नान करने के बाद शरीर को तौलिये से नहीं पोछना चाहिए, बल्कि उसे खुद सूखने देना चाहिए.
- गंगा स्नान के बाद उतरे हुए कपड़े गंगा में नहीं धोने चाहिए
- गंगा में स्नान करने के बाद गरीब और जरूरतमंदों को दान अवश्य करना चाहिए.