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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के कोनी थाना क्षेत्र के लोफन्दी गांव में जहरीली महुआ शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें सरपंच रामाधार सुनहले का भाई रामू सुनहले भी शामिल है। चार अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज सिम्स (बिलासपुर) में जारी है। मौत की असल वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद साफ होगी।
तीन दिनों में 7 मौतें, पहले बीमारी समझकर हुआ अंतिम संस्कार
जानकारी के अनुसार, बीते तीन-चार दिनों से गांव में लोग बीमार हो रहे थे। बुधवार को पहले एक व्यक्ति की मौत हुई, फिर गुरुवार को दो और लोगों की जान चली गई। परिजन इसे सामान्य बीमारी समझकर अंतिम संस्कार कर चुके थे।
शुक्रवार की रात जब एक साथ चार और लोगों की मौत हुई, तब जहरीली शराब पीने की आशंका सामने आई। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। पुलिस और अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है।
गांव में वर्षों से हो रही थी अवैध शराब की बिक्री
स्थानीय लोगों का आरोप है कि लोफन्दी गांव और आसपास के इलाकों में पिछले 8-10 वर्षों से अवैध रूप से महुआ शराब बेची जा रही थी। आबकारी विभाग और पुलिस कार्रवाई करने आते थे, लेकिन मामला रफा-दफा कर दिया जाता था। शिकायत के बाद भी केवल दिखावटी कार्रवाई की जाती रही, जिससे अवैध शराब का कारोबार लगातार फलता-फूलता रहा।
फिलहाल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर अवैध शराब के कारोबार और उससे जुड़ी लापरवाही को उजागर कर दिया है।