छत्तीसगढ़राजनांदगांव

CG Politics: चुनाव में खराब प्रदर्शन के बीच कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, लगाया आरोप

राजनंदगांव। जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 3 से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी एवं जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भागवत साहू को कांग्रेस के नेताओं का साथ नहीं मिलने के चलते हार का सामना करना पड़ा । अपनी हार के बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्थानीय विधायको सहित कांग्रेस के नेताओं पर कांग्रेस के बागी प्रत्याशी का साथ देने और धनबल से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी को हराने का आरोप लगाया है। वहीं इस पूरे मामले से क्षुब्ध होकर उन्होंने कांग्रेस के जिला ग्रामीण अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के अधिकृत जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 3 टेडेसरा के प्रत्याशी भागवत साहू ने कहा है कि कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी, धनबल का प्रयोग करते हुए उन्हें हरा दिया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी के बड़े नेताओं ने उनका सहयोग नहीं किया बल्कि कांग्रेस के बागी अंगेश्वर देशमुख के पक्ष में कांग्रेस के नेताओं ने प्रचार -प्रसार किया, सभाएं की जिसके चलते कांग्रेस से अधिकृत प्रत्याशी होने के बाद भी मुझे हर का सामना करना पड़ा । साहू समाज के जिला अध्यक्ष भागवत साहू जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। वहीं जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 3 से वे कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस नेताओं का साथ नहीं मिलने के चलते बीते 17 फरवरी को संपन्न हुए मतदान की गणना में उनकी हर हो गई। ऐसे में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि साहू समाज के 75 प्रतिशत लोग भारतीय जनता पार्टी में है । वहीं महज 25 पतिशत ही कांग्रेस में रह गए हैं, लेकिन कांग्रेस में साहू समाज सुरक्षित नहीं है । उन्होंने कहा कि वह यहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं । इस वजह से साहू समाज कांग्रेस मुक्त होने की ओर बढ़ रहा है।

कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने और पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्होंने जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है और कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ेंगे । उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें बहुत सम्मान दिया है वह साधारण कार्यकर्ता की तरह ही काम करेंगे।

भागवत साहू ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा उन्हे किसी भी तरह का सहयोग नहीं किया गया , यहां तक कि शहर सहित ग्रामीण नेता के द्वारा चुनाव में जीत न हो सके उसके लिये षडयंत्र पूर्वक काम किया गया। जिसके वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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