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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में लोफंदी गांव में जहरीली शराब पीने से हुई मौत का मुद्दा उठा। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से यह मुद्दा उठाया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। इस घटना में 9 लोगों की जान गई थी।
प्रश्नकाल: भ्रष्टाचार और प्रशासनिक जांच पर चर्चा
प्रश्नकाल में धरमलाल कौशिक ने राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के खिलाफ ACB और EOW द्वारा की जा रही जांचों की जानकारी मांगी। उन्होंने पूछा कि कितनी जांच लंबित हैं और सरकार ने अब तक क्या कार्रवाई की है।
मुख्यमंत्री साय ने जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए सुशासन और अभिसरण विभाग का गठन किया गया है।
शून्यकाल: बिजली कटौती और किसानों की परेशानी
शून्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिल रही, जिससे वे परेशान हैं। उन्होंने सदन की कार्यवाही रोककर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि
कार्यवाही की शुरुआत में सदन में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। स्पीकर रमन सिंह ने कहा कि उनकी भरपाई नहीं की जा सकती। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि देश ने एक बहुमूल्य हीरा खो दिया है। मनमोहन सिंह ने रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं।
प्रश्नकाल में उठे महत्वपूर्ण सवाल–
1. कॉपरेटिव सोसायटी से जुड़ी परेशानी
प्रश्न: राजेश मूणत ने पूछा कि प्रदेश में कॉपरेटिव सोसायटी के अंतर्गत कितनी संस्थाएं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सोसायटी को एनओसी के लिए भटकना पड़ता है और बिना पैसे दिए एनओसी नहीं मिलती। सरकार ने 2 महीने में कमेटी गठित करने की बात कही थी, लेकिन 4 महीने बीतने के बाद भी वही जवाब आ रहा है।
जवाब: मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया जा चुका है और अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं। जब कमेटी का प्रारूप आएगा, तब आगे की कार्रवाई की जाएगी।
2. राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों पर भ्रष्टाचार जांच
प्रश्न: धरमलाल कौशिक ने पूछा कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के खिलाफ EOW, ACB और अन्य विभागीय जांचों की स्थिति क्या है? कितनी जांचें लंबित हैं और अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
जवाब: मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुशासन और अभिसरण विभाग का गठन किया गया है। सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
3. दुर्ग संभाग में खेल संस्थानों की स्थिति
प्रश्न: विधायक कुंवर सिंह निषाद ने दुर्ग संभाग में खेल संस्थानों की बदहाली पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और अधिकारियों द्वारा गलत जानकारी दी जा रही है।
जवाब: खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि ये संस्थान “खेलो इंडिया” योजना के तहत संचालित हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ के 31 जिलों में यह योजना चल रही है, और दो जिलों में नए संस्थानों की स्वीकृति मिल चुकी है, जो अप्रैल से शुरू होंगे।
4. कटघोरा वनमंडल में निर्माण कार्यों की स्थिति
प्रश्न: विधायक प्रेमचंद पटेल ने कटघोरा वनमंडल में 2023-24 और 2024-25 के दौरान स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी मांगी। उन्होंने पूछा कि कितने कार्य स्वीकृत हुए, कौन-सी एजेंसी इन्हें कर रही है, और कितने कार्य पूरे हुए हैं?
जवाब: मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि 2023-24 और 2024-25 में कटघोरा वनमंडल के अंतर्गत कुल 5,346 निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए। इनमें से 3,019 कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि 2,327 कार्य अभी जारी हैं।
निष्कर्ष
बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में जहरीली शराब, भ्रष्टाचार, बिजली कटौती, खेल सुविधाओं और वनमंडल में विकास कार्यों जैसे मुद्दों पर तीखी बहस हुई। विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की, जबकि मुख्यमंत्री साय ने भ्रष्टाचार और प्रशासनिक सुधारों को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।