छत्तीसगढ़धमतरी

यूजीसी में नए बदलाव के विरोध में एनएसयूआई का प्रदर्शन, छात्रों को बांटे जाएंगे पर्चे

धमतरी। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने यूजीसी विनियम 2024 और 2025 के मसौदे को तत्काल रद्द करने की मांग की है। एनएसयूआई का कहना है कि ये नए प्रस्तावित नियम संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ हैं और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर सीधा हमला करते हैं।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे ने आरोप लगाया कि सरकार नए नियमों के जरिए संकाय नियुक्ति और शैक्षणिक योग्यता के मानकों में बदलाव करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई इस विरोध को व्यापक स्तर पर ले जाने के लिए पूरे प्रदेश में छात्रों के बीच जाकर पर्चे बांटेगी और जागरूकता अभियान चलाएगी।

जिलाध्यक्ष राजा देवांगन ने बताया कि नए नियम लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि इनमें शिक्षकों, छात्रों और अकादमिक परिषदों की भागीदारी को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में नौकरशाही नियंत्रण लागू करना चाहती है, जिससे राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों की स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी। इसके अलावा, इससे पेपर लीक और परीक्षा घोटालों की संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं।

एनएसयूआई के अनुसार, अगर ये नियम लागू हुए तो यूजीसी केयर लिस्ट भी खत्म हो जाएगी, जिससे छात्रों के अधिकार प्रभावित होंगे। इसको लेकर एनएसयूआई ने पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करने और कॉलेजों में जाकर छात्रों को पर्चे बांटने का निर्णय लिया है।

प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे ने एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राजा देवांगन को धमतरी जिले के सभी महाविद्यालयों में इस अभियान को प्रभावी रूप से संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि छात्र हितों की रक्षा के लिए एनएसयूआई किसी भी स्तर तक संघर्ष करने को तैयार है।

 

 

 

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