
रायपुर। विधानसभा में आज छत्तीसगढ़ लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक मुख्यमंत्री ने सदन के पटल पर रखा। इसे विपक्ष ने असंवैधानिक बताते हुए विरोध किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष की अनुपस्थिति में विधेयक पर लंबी चर्चा के बाद इसे सदन में पारित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा में आज लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक सदन में रखा। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए इसे नियम विरुद्ध बताया। विपक्षी विधायकों ने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश से लाए गए आपातकाल के इस मामले में चर्चा करना असंवैधानिक है इसलिए इस पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। मीसाबंदियों को अगर सरकार सम्मान राशि देना चाहती हैं तो दे परन्तु आपातकाल की परिस्थितियों पर चर्चा नहीं हो सकती। नेता प्रतिपक्ष ने सत्ता पक्ष को फिल्म इमरजेंसी देखने की सलाह भी दी। विपक्ष ने आसंदी से इस विषय पर सदन में चर्चा नहीं कराने का आग्रह किया, जिसे सभापति धर्मजीत सिंह ने अस्वीकार करते हुए चर्चा की अनुमति दे दी। इससे नाराज़ विपक्ष के सभी सदस्य बहिष्कार करते हुए सदन से बाहर निकल गए।
इसके बाद विपक्ष की अनुपस्थिति में लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक पर सदन में चर्चा शुरू हुई। सत्ता पक्ष के सदस्य अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, धरमलाल कौशिक समेत अन्य सदस्यों ने आपातकाल के दौरान जनसंघ के लोगों पर किए गए अत्याचार का जिक्र करते हुए इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया। लंबी चर्चा के बाद सभापति धर्मजीत सिंह ने बहुमत के आधार पर इस विधेयक को सदन में पारित कर दिया।