हटाए जाएंगे 10 साल पुराने ऑटो, पेट्रोल बाइक और स्कूटर पर भी लगेगा बैन! सरकार ला रही नई ईवी पॉलिसी

हटाए जाएंगे 10 साल से ज्यादा पुराने वाहन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Delhi EV Policy 2.0 को लाने की तैयारी तेज हो गई है। इस पॉलिसी के सहत सरकार राजधानी में 10 साल से ज्यादा पुराने सभी सीएनजी ऑटो रिक्शा, टैक्सी और लाइट कमर्शियल व्हीकल (LCVs) को चरणबद्ध तरीके से हटाने पर जोर देगी। वहीं, इनकी जगह पर इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा, टू-व्हीलर्स, लाइट कमर्शियल व्हीकल के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बस और ट्रक खरीदने पर सरकार इंसेंटिव ऑफर कर सकती है।
ऑटो रिक्शा को भी बदलने का प्रस्ताव
नई EV पॉलिसी में 10 साल पुराने ऑटो रिक्शा को बदले जाने के प्रस्ताव को भी शामिल किया जा सकता है। दिल्ली की सड़कों पर अभी लगभघ 94,000 ऑटो रिक्शा चल रहे हैं। इसमें इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा भी शामिल हैं। ऐसे में मान लिजिए की इन 94000 में से सिर्फ 20 प्रतिशत ऑटो रिक्शा ही 10 साल पुराने होंगे, तो भी दिल्ली की सड़कों पर 18,000 से ज्यादा ऑटोरिक्शा को इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा से बदलना होगा। इसके लिए सरकार को ऑटोरिक्शा ड्राइवर्स को अच्छी खासी सब्सिडी देनी होगी।
ऑटोरिक्शा वालों को कैसे मिलेगा लाभ?
दिल्ली में अभी नए CNG ऑटोरिक्शा की कीमत लगभग 4 से 6 लाख रुपए के बीच है, जबकि रजिस्ट्रेशन चार्जेस अलग से देने होते हैं। वहीं, आमतौर पर ऑटोरिक्शा के लिए 20 साल तक का ही परमिट मिलता है। ऐसे में महिंद्रा, बजाज, टीवीएस जैसी कई बड़ी कंपनियों ने अपने इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा बाजार में पेश किए हैं, जिनकी कीमत भी 5 लाख रुपए के आसपास आती है। साथ ही, नए ऑटोरिक्शा में कंपनी की ओर से बैटरी पर 5 से 8 साल तक की वारंटी भी ऑफर की जाती है।
क्या पेट्रोल टू व्हीलर्स का रजिस्ट्रेशन बंद होगा?
रिपोर्टों के मुताबिक, दिल्ली ईवी नीति 2.0 अगस्त 2026 से किसी भी पेट्रोल दोपहिया वाहन के रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं देगी। ज्यादा EV को समर्थन देने के लिए, नई नीति दिल्ली में 13,200 से अधिक चार्जर लगाने का प्रस्ताव करती है, जिससे हर 5 किलोमीटर पर एक स्टेशन सुनिश्चित हो सके। हालांकि, इसे कब तक पूरा किया जाएगा इसकी कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा, इस नई दिल्ली ईवी नीति का अंतिम उद्देश्य 2027 तक 95 प्रतिशत टू व्हीलर्स को ईवी में बदलना है।