
बिलासपुर। बिल्हा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को देखते हुए सड़क मरम्मत का काम किया गया था, लेकिन यह सिर्फ कागजी खानापूर्ति साबित हो रही है। बिल्हा से बिल्हा मोड़ तक 3 किलोमीटर की सड़क पर प्रशासन ने महज डस्ट और गिट्टी डालकर सुधार का दिखावा किया, जिससे अब यह सड़क जानलेवा बन गई है।
वाहन फिसलने से लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, और उड़ती धूल से आसपास के लोग सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं, जिससे दमा जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। यह घटनाक्रम साबित करता है कि जिला प्रशासन केवल वीआईपी मूवमेंट के दौरान सड़क सुधार का नाटक करता है, जबकि आम जनता की सुविधा और सुरक्षा उनकी प्राथमिकताओं में नहीं दिखती। सवाल उठता है कि क्या सड़क सुधार का मतलब केवल ऊपरी दिखावा करना है, और क्या प्रशासन की जिम्मेदारी सिर्फ बड़े आयोजनों तक ही सीमित रह गई है?