
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए अब राज्य शासन की ओर से तीन लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। आर्थिक कठिनाई के कारण राज्य के खिलाड़ी कई बार अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लेने से चूक जाते हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस साल के बजट में अधिकतम 3 लाख रुपये का प्रावधान कर दिया है। साथ ही इन स्पर्धाओं में भाग लेने से पहले तैयारी के लिए संबंधित खेलों के उपकरण आदि के लिए भी राज्य शासन की ओर से फंड जारी किया जाएगा। यह प्रावधान क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना के तहत किया जाएगा। इसमें ओलंपिक खेल, विश्व कप, एशियाड या राष्ट्रमंडलीय खेलों को ही शामिल किया गया है। इसके लिए खिलाड़ियों को अपने चयन संबंधी पत्र और वास्तविक यात्रा टिकट आदि प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इसी के आधार पर यात्रा व्यय की राशि की गणना की जा सकेगी। इसके लिए अनुदान के प्रकरणों पर प्रभारी मंत्री की अनुसंशा या अनुमोदन पश्चात कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जाएगी।
खेल संचालक श्रीमती तनुजा सलाम ने बताया कि योजना के लिए इस वित्तीय वर्ष में शासन ने 50 करोड़ का बजट रखा है। इसमें मुख्य रूप से 6 बिंदुओं को शामिल किया गया है। इनमें गांव से लेकर जिला मुख्यालय में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना, खेल प्रतिभाओं की पहचान करना एवं खेल मैदानों का उन्नयन कर खेल उपकरण प्रदान करना, खेलों की क्लब संस्कृति को बढ़ावा देकर पंजीकृत समिति या क्लबों को स्पर्धाओं का आयोजन करने आर्थिक सहयोग देना तथा पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने बढ़ावा देना है।
स्टेडियम और इंडोर हॉल के निर्माण के लिए जिला कलेक्टर के प्रस्ताव पर खेल विभाग सक्षम होगा। इसमें 80 लाख तक की सीमा के प्रस्ताव की स्वीकृति विभाग से और 3 करोड़ तक के निर्माण संबंधी प्रस्तावों पर प्रशासकीय स्वीकृति लेनी होगी। संचालक, खेल एवं युवा कल्याण स्तर पर पंजीकृत खेल समिति या क्लब को 5 लाख तक आर्थिक सहायता व खेल उपकरण की स्वीकृति संचालनालय स्तर पर ही होगी। इसके लिए जिला खेल अधिकारी के माध्यम से प्रस्ताव आवश्यक रहेगा। प्रतिभा खोज, खेल वृत्ति एवं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के लिए भी जिला खेल अधिकारी के प्रस्ताव पर ध्यान दिया जाएगा।