
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी की साल 2022 में आयोजित जूनियर इंजीनियर विभागीय परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर दायर याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। जस्टिस एके प्रसाद की सिंगल बेंच ने त्रुटिपूर्ण सवालों के लिए बोनस अंक देने और तीन माह के भीतर योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति देने का आदेश दिया है।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत होल्डिंग कंपनी/विद्युत वितरण कंपनी ने इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और सिविल शाखाओं में जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। योग्य उम्मीदवारों से इसके लिए आवेदन मंगाए गए थे। 10 अप्रैल 2022 को आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में कोरबा संभाग के लाइन परिचारक सहित अन्य याचिकाकर्ता भी शामिल हुए। लेकिन, जब परिणाम आया तब याचिकाकर्ताओं को अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
परीक्षा में कुल 100 प्रश्न थे, जिन्हें हल करने के लिए 2 घंटे का समय तय था। गलत उत्तर पर 0.25 अंक काटने का प्रावधान था। इसमें सामान्य और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अर्हता अंक 40% और SC/ST वर्ग के लिए 30% निर्धारित थे। परीक्षा में प्रश्नपत्रों में 10 प्रश्नों के उत्तर के लिए 5 विकल्प थे। लेकिन अभ्यर्थियों को उनके उत्तर देने के लिए उपलब्ध कराए गए ओएमआर शीट में केवल चार विकल्पों का उल्लेख था। 5वां विकल्प ओएमआर शीट में नहीं था। याचिकाकर्ताओं को 33.50 अंक मिले और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
9 सवालों पर जताई गई थी आपत्ति
परीक्षा के प्रश्न पत्र में 9 प्रश्नों में पांच विकल्प दिए गए थे। लेकिन, उत्तर पुस्तिका में केवल चार विकल्प ए, बी, सी, डी ही थे। विकल्प ”ई” नहीं था। इस कारण परीक्षा देने वाले दिनेश कुमार चंद्रा ने इन प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए। उसे उम्मीद थी कि इन त्रुटिपूर्ण प्रश्नों के लिए बोनस अंक मिलेंगे या प्रश्न विलोपित माने जाएंगे, जैसा कि अन्य संस्थाओं की परीक्षाओं में होता है। रिजल्ट जारी होने पर दिनेश कुमार चंद्रा को 33.50 अंक मिले और उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया।
आपत्ति को कर दिया खारिज, नहीं किया विचार
इसके बाद उन्होंने उप महाप्रबंधक को त्रुटिपूर्ण प्रश्नों के लिए बोनस अंक या पुनर्गणना की मांग करते हुए आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे परेशान होकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। हाईकोर्ट के जस्टिस एके प्रसाद की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता और अन्य चार अभ्यर्थियों को त्रुटिपूर्ण प्रश्नों के लिए बोनस अंक देने और तीन माह के भीतर नियुक्ति आदेश जारी करने का आदेश दिया है।