
बिलासपुर। बिलासपुर रेलवे स्टेशन में एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिलने पर स्वास्थ्य विभाग और रेलवे की लापरवाही पर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार की मुफ्त की योजनाएं हैं, फिर भी लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव और बिलासपुर रेलवे के डीआरएम के जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि व्यवस्था सुधार के लिए क्या किया जा रहा है इसकी पूरी जानकारी काेर्ट में पेश करें। साथ ही यह बताने कहा है कि इमरजेंसी में एम्बुलेंस सुविधा आखिर उपलब्ध क्यों नहीं हो पाती।
बता दें कि दंतेवाड़ा में एम्बुलेंस नहीं मिलने से मरीज की मौत और बिलासपुर रेलवे स्टेशन में कैंसर पीड़ित महिला का शव ले जाने एंबुलेंस सुविधा नहीं मिलने को लेकर हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू की है। याचिका में कहा गया है कि रायपुर से बिलासपुर आकर यहां से बुढ़ार जाने के लिए ट्रेन में सफर कर रही एक कैंसर पीड़ित महिला रानी बाई की मौत हो गई। ट्रेन के बिलासपुर पहुंचने पर शव को उतारकर कुली की मदद से उन्हें स्ट्रेचर से गेट नंबर एक के बाहर तक लाया। वहां पर एंबुलेंस का ड्राइवर गायब था। थोड़ी देर बाद वह आया, लेकिन शव ले जाने से मना कर दिया।
महिला के परिजनों के परिचितों के जरिए दूसरे एंबुलेंस का इंतजाम किया और वहां से एक घंटे बाद रवाना हो गए. उन्हें बिलासपुर से शाम वाली ट्रेन पकड़कर बुढ़ार जाना था. वहीं, दंतेवाड़ा जिले के गीदम में 11 घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण इलाज में देरी हुई, जिससे मरीज की मौत हो गई। इससे नाराज परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया। हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट पर जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है।