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चेहरे पर बर्फ रगड़ने के हैं कई फायदे, स्किन से जुड़ी परेशानियों से मिलती है निजात

नई दिल्ली। गर्मियों में तपती धूप और चिपचिपे पसीने से चेहरे की चमक कहीं खो जाती है। ऐसे में सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही आइस थेरेपी लोगों के बीच खूब पॉपुलर हो रही है। बॉलीवुड सेलिब्रिटीज भी अपनी स्किन को फ्रेश और ग्लोइंग बनाए रखने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या वाकई गर्मी में आइस क्यूब चेहरे पर लगाना फायदेमंद है? चलिए जानते हैं इसके जबरदस्त फायदे और लगाने का सही तरीका।

पिंपल्स से राहत पाने का नेचुरल तरीका

चेहरे पर मुंहासे या पिंपल्स होना आम बात है, लेकिन सही इलाज ना मिलने पर ये परेशानी बढ़ सकती है। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो चेहरे पर आइस क्यूब्स रगड़ना एक असरदार उपाय हो सकता है। यह एक प्राकृतिक तरीका है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट्स के पिंपल्स की सूजन और लालिमा को कम करने में मदद करता है।

चेहरे की रिंकल्स को कम करे

उम्र बढ़ने और तनाव की वजह से चेहरे पर रिंकल्स यानी झुर्रियां आने लगती हैं। ऐसे में बर्फ को चेहरे पर रगड़ना फायदेमंद हो सकता है। इसका इस्तेमाल रोजाना करने से यह त्वचा को टाइट रखने में मदद करता है और समय से पहले एजिंग के लक्षणों को कम करता है।

चेहरे के ऑइल को बैलेंस में रखे

यदि आपकी त्वचा अधिक ऑयली है, तो बर्फ का उपयोग करना बेहद फायदेमंद हो सकता है। हर दिन कुछ मिनट तक चेहरे पर बर्फ लगाने से स्किन पोर्स टाइट होते हैं और चेहरे का ऑइल भी बैलेंस रहता है। इससे पिंपल्स और अन्य स्किन समस्याएं कम होती हैं।

चेहरे को फ्रेश और कूल रखे

बर्फ लगाने से त्वचा को ठंडक पहुंचती है, जिससे त्वचा की सूजन और जलन कम होती है। साथ ही रोजाना आइस को चेहरे पर मसाज करने से ओपन पोर्स भी कम होते हैं, जिससे त्वचा चिकनी और मुलायम नजर आती है।

जाने चेहरे पर आइस लगाने का सही तरीका

  • बर्फ को साफ कपड़े में लपेटें: बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं, बल्कि इसे एक साफ कपड़े में लपेटकर लगाएं
  • बर्फ को 5-10 मिनट तक लगाएं: बर्फ को 5-10 मिनट तक लगाएं, इससे अधिक समय तक न लगाएं।
  • बर्फ को नियमित रूप से न लगाएं: बर्फ को नियमित रूप से न लगाएं, इससे त्वचा पर रूखापन बढ़ सकता है, इसलिए इसे सप्ताह में 2-3 बार लगाएं।

इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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