
जगदलपुर। जिले में बीते पांच दिनों से हो रही बेमौसम बारिश और तेज आंधी-तूफान ने एक ओर जहां गर्मी से थोड़ी राहत दी है, वहीं किसानों के लिए यह आपदा बनकर आई है। बस्तर अंचल में लगातार हो रही तेज बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। इंद्रावती नदी के किनारे सैकड़ों एकड़ में फैली मक्के की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है।
बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान
स्थानीय किसान पुरन सिंह कश्यप ने बताया कि पहले इंद्रावती नदी का जलस्तर घटने के कारण सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल सका। जैसे-तैसे फसलें बड़ी हुईं, लेकिन अब बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान ने सारी फसल जमीन पर गिरा दी। खेतों में पानी भर गया है और फसलें सड़ने लगी हैं।
किसानों की मांग है कि प्रशासन तुरंत नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजे की घोषणा करे। उन्होंने राज्य सरकार और कृषि मंत्री से राहत की गुहार लगाई है। प्रशासन की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे कार्य में लगी हुई हैं, लेकिन किसानों को डर है कि अगर मुआवजे में देरी हुई, तो उनकी आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
गौरतलब है कि बस्तर अंचल में अधिकतर किसान वर्षा आधारित खेती पर निर्भर हैं। ऐसे में मौसम की हर छोटी-बड़ी मार उनके लिए संकट बन जाती है। किसान संगठनों ने भी सरकार से तत्काल राहत पैकेज देने की मांग की है ताकि नुकसान की भरपाई हो सके।