
रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए नवाचार को बढ़ावा दे रही है। 24 अप्रैल, 2025 को राष्ट्रीय पंचायत दिवस से राज्य की 1460 ग्राम पंचायतों में अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र शुरू हो जाएंगे। नवाचार की यह पहल न केवल ग्रामीणों के जीवन को आसान बनाएगी, बल्कि पंचायतों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
इन सुविधा केंद्रों के जरिए ग्रामीण अब अपने गांव में ही कई सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। चाहे वह खाते से पैसे निकालना हो,किसी को पैसे भेजना हो, बिजली-पानी का बिल भरना हो, या पेंशन और बीमा जैसी सुविधाएं, सब कुछ एक ही जगह उपलब्ध होगी। इन सुविधा केंद्रों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, रेलवे टिकट बुकिंग, छात्रवृत्ति और पेंशन जैसे कार्य भी गांव में ही हो सकेंगे।
हालांकि, इस पहल को जमीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पहला, इन केंद्रों को चलाने वाले कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण देना होगा ताकि तकनीकी समस्याओं का तुरंत समाधान हो सके। दूसरा, ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी। तीसरा, इन सुविधाओं के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करना होगा ताकि वे इसका अधिकतम लाभ उठा सकें।
पंचायतों में शुरु होने जा रहे, अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र केवल छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति की शुरुआत भर नहीं है बल्कि यह ग्रामीणों के समय और संसाधनों की भी बचत करेगा। इससे ग्रामीणों को छोटे-छोटे कामों के लिए विकासखंड या जिला मुख्यालय की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
इसके अलावा अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र, पंचायतों को स्वावलंबी बनाकर राज्य के विकास में भी योगदान देगा। सरकार को चाहिए कि वो डिजिटल क्रांति के इस नवाचार को निरंतरता और पारदर्शिता के साथ लागू करे ताकि, छत्तीसगढ़ ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण का उदाहरण बन सके।