कोंडागांवछत्तीसगढ़

BJP नेता की कार की ठोकर से कांग्रेस नेता की मौत, कांग्रेस नेता की मौत के बाद मचा बवाल, आरोपी गिरफ्तार

कोंडागांव। कोंडागांव जिले में एक दर्दनाक हादसे ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। शुक्रवार शाम करीब 4 बजे बीजेपी नेता पूर्णेंदु कौशिक की कार से टक्कर लगने के बाद कांग्रेस नेता हेमेंद्र भोयर की मौत हो गई। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में उबाल ला दिया है, जहां इसे केवल हादसा नहीं बल्कि “साजिशन हत्या” बताया जा रहा है।

हेमेंद्र भोयर अपनी भाभी चंपी भोयर (जो मुलमुला गांव की सरपंच हैं) और पूर्णेंदु की पहली पत्नी के साथ बाइक पर सवार होकर शादी का कार्ड बांटने जा रहे थे। डोंगरीगुड़ा ढाबे के पास पीछे से आई तेज रफ्तार कार ने तीनों को टक्कर मार दी। हादसे में हेमेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दोनों महिलाएं घायल हैं।

चंपी भोयर ने बताया कि पूर्णेंदु पीछा करते हुए आ रहा था और जानबूझकर टक्कर मारी। टक्कर के बाद उसने हेमेंद्र को 15-20 मीटर तक घसीटा, फिर गाड़ी से उतरकर देखा कि वह मरा है या नहीं, और फिर भाग निकला।

पुलिस पर FIR दर्ज करने में देरी का आरोप

हादसे के बाद कांग्रेस नेताओं ने देर शाम थाने का घेराव किया। आरोप है कि पुलिस ने तत्काल FIR दर्ज नहीं की और बहाना बनाया कि लाइट नहीं है। अगले दिन सुबह परिजनों ने शव के साथ चक्काजाम कर दिया। दो घंटे के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की और आरोपी पूर्णेंदु कौशिक को गिरफ्तार कर लिया।

राजनीतिक रंजिश की बात सामने आई

मृतक के परिजनों का आरोप है कि पंचायत चुनाव में जीत के बाद से पूर्णेंदु दुश्मनी रखता था और हेमेंद्र को पहले भी जान से मारने की धमकी मिल चुकी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन मरकाम ने इसे सोची-समझी साजिश और राजनीतिक हत्या बताया है।

कांग्रेस का प्रदर्शन, हाईवे जाम

हादसे के विरोध में कांग्रेस नेताओं ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया, जिससे कई घंटों तक ट्रैफिक रुका रहा। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई।

पुलिस की कार्रवाई

कोंडागांव पुलिस का कहना है कि घटना में प्रयुक्त गाड़ी जब्त कर ली गई है और आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि राजनीतिक टकराव का गंभीर रूप लेता नजर आ रहा है। अब देखना होगा कि जांच किस दिशा में जाती है और पीड़ित परिवार को न्याय कब तक मिलता है।

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