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झारखंड के बोकारो में कोबरा कमांडो और नक्सलियों की बीच मुठभेड़, एक करोड़ का इनामी नक्सली समेत 7 माओवादी ढेर…

झारखंड। झारखंड के बोकारो जिले में सोमवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में अब तक 8 नक्सली मारे गए हैं। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से अत्याधुनिक हथियार भी बरामद किए हैं। रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है।

8 नक्सली मारे गए एवं भारी मात्रा मे हथियार भी बरामद

झारखंड के डीजीपी ने बताया बताया कि बोकारो मुठभेड़ में एक करोड़ रुपये का इनामी माओवादी विवेक भी मारा गया है। वहीं, सीआरपीएफ ने बताया कि बोकारो की मुठभेड़ में जवानों ने कुल 8 नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। एक एके सीरीज राइफल, एक एसएलआर, तीन इंसास राइफल, एक पिस्तौल और 8 देशी भरमार राइफलें बरामद की गई हैं। जवानों को किसी तरह की चोट की खबर नहीं है। फायरिंग बंद हो गई है और सर्च ऑपरेशन जारी है।

जानकारी के मुताबिक, झारखंड के बोकारो जिले में सोमवार सुबह सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो और झारखंड पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 8 नक्सली मारे जाने की खबर है। अधिकारियों ने बताया कि यह मुठभेड़ जिले में लालपनिया इलाके के लुगु हिल्स में सुबह करीब साढ़े 5 बजे शुरू हुई। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ अभी जारी है।

कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (कोबरा) सीआरपीएफ की एक स्पेशल यूनिट है, जो गुरिल्ला और जंगल युद्ध, विशेष रूप से नक्सली खतरे से निपटने में, अपनी दक्षता के लिए जानी जाती है।

गौरतलब कि इन दिनों देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में सुरक्षा बलों के ताबड़तोड़ एनकाउंटर देखने को मिल रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते शुक्रवार को सभी छिपे हुए नक्सलियों से जल्द सरेंडर करने और मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि सरकार 31 मार्च 2026 से पहले देश को नक्सलवाद के अभिशाप से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

शाह ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”छिपे हुए नक्सलियों से मेरी अपील है कि मोदी सरकार की सरेंडर पॉलिसी को अपनाकर जल्द हथियार डालें और मुख्यधारा में शामिल हों। 31 मार्च 2026 से पहले हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं।”

गृहमंत्री ने कहा था कि नक्सलवाद अब भारत के सिर्फ चार जिलों तक सीमित रह गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 31 मार्च 2026 तक देश से यह समस्या समाप्त हो जाएगी। सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और सीआरपीएफ, विशेषकर इसकी कोबरा बटालियन देश से नक्सलवाद को खत्म करने में प्रमुख भूमिका निभा रही है।

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