
कांकेर। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का जिलों में औचक दौरा जारी है। इसी कड़ी में उन्हें कांकेर जिले के एक आंगनवाडी केंद्र में बड़ी लापरवाही देखने को मिली। यहां 16 बच्चों की हाजिरी वाले केंद्र में सिर्फ दो बच्चे ही मिले। इस बात से नाराज मंत्री ने पर्यवेक्षक हर्षलता जेकब को निलंबित कर दिया है। इस दौरे में उनके साथ महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक भी मौजूद रहे। मंत्री ने मौके पर लापरवाह कर्मचारियों-अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई।
पोषण ट्रैकर एप्प में लगा दी सभी की हाजिरी
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने जिला-कांकेर के एकीकृत बाल विकास परियोजना-चारामा अंतर्गत सेक्टर चांवडी के आंगनवाडी केन्द्र-दरगहन क्रमांक 01 का प्रातः 9:45 बजे निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्र दरगहन क्रमांक 01 में 03 से 06 वर्ष आयु के दर्ज कुल 16 बच्चों की बजाय केवल 2 बच्चे उपस्थित पाये गये परंतु कार्यकर्ता द्वारा पोषण ट्रैकर एप्प में सभी 16 बच्चों को उपस्थित दर्शाते हुए उन्हें गर्म भोजन का वितरण किया जाना पोषण ट्रैकर एप्प में अंकित किया गया था।
आंगनबाड़ी केन्द्र में साफ-सफाई, रेडी-टू-ईट फूड का रख-रखाव, बच्चों के बैठने की व्यवस्था अत्यंत असंतोषप्रद पायी गई। निरीक्षण पंजी के अवलोकन से यह पाया गया कि संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक हर्षलता जेकब के द्वारा विगत 3 माहों से उक्त आंगनबाड़ी केन्द्र का न तो निरीक्षण किया गया और न ही निरीक्षण टीप अंकित की गई है।
हर्षलता जेकब के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पोषण ट्रैकर एप्प में विभिन्न एंट्री करने संबंधी समुचित मार्गदर्शन नहीं दिया जा रहा है, न ही नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है।
निलंबन आदेश में उल्लेख है कि पर्यवेक्षक हर्षलता जेकब के द्वारा शासकीय कार्यों में लापरवाही तथा निर्देशों का समुचित पालन नहीं किया जाना पाया गया। अतः हर्षलता जेकब के द्वारा कर्तव्यपालन में घोर लापरवाही बरतने तथा छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन करने के फलस्वरूप छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के प्रावधानों के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।