
सक्ती। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। सक्ती जिले के ग्राम कैथा में तहसील कार्यालय में पदस्थ पटवारी पवन सिंह को एंटी करप्शन ब्यूरोने 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई ग्राम कैथा के निवासी रामशरण कश्यप की शिकायत पर की गई।
बता दें कि रामशरण कश्यप ने बिलासपुर के एसीबी कार्यालय में शिकायत दर्ज की थी कि उनके पिता और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर ग्राम कैथा में स्थित जमीन के बी-1 ऑनलाइन रिकॉर्ड में उनके पिता का नाम दर्ज नहीं हो रहा था। इस त्रुटि को ठीक करने के लिए रामशरण ने एसडीएम कार्यालय में आवेदन दिया था। एसडीएम ने तहसीलदार को रिकॉर्ड सुधारने का निर्देश दिया, जिसके बाद तहसीलदार ने यह जिम्मेदारी पटवारी पवन सिंह को सौंपी।
जब रामशरण ने पवन सिंह से संपर्क किया, तो पटवारी ने रिकॉर्ड सुधारने के एवज में 20,000 रुपये की रिश्वत मांगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए रामशरण ने रिश्वत देने से इनकार किया और एसीबी से संपर्क कर मामले को उजागर करने का फैसला किया।
शिकायत की गहन जांच और सत्यापन के बाद, एसीबी ने 2 मई 2025 को एक ट्रैप ऑपरेशन की योजना बनाई। रामशरण को पटवारी को रिश्वत की राशि देने के लिए कहा गया। जैसे ही पवन सिंह ने 20,000 रुपये की रिश्वत स्वीकार की, एसीबी की टीम ने तहसील कार्यालय में दबिश दी और उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई इतनी तेज थी कि पटवारी को भागने का मौका तक नहीं मिला।
पटवारी पवन सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 (संशोधित अधिनियम 2018) के तहत मामला दर्ज किया गया है। एसीबी ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की संभावना भी जांची जा रही है ताकि भ्रष्टाचार के इस नेटवर्क की पूरी सच्चाई सामने आ सके।