शुक्र का मेष राशि में गोचर! किन चार राशियों को होगा बंपर लाभ? जानिए पं गिरीश पाण्डेय जी से…

शुक्र का मेष राशि में गोचर! किन चार राशियों को होगा बंपर लाभ? जानिए पं गिरीश पाण्डेय जी से…
शुक्र सूर्य से दूसरा ग्रह है, और हमारे सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह है. यह पृथ्वी के सबसे निकटतम ग्रह है और अक्सर “सुबह का तारा” या “शाम का तारा” के रूप में जाना जाता है
ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सुख-सुविधा, धन, सौंदर्य, प्रेम, और कला का प्रतीक माना जाता है। यह वृषभ और तुला राशि का स्वामी है, और इसे एक शुभ ग्रह माना जाता है.
सकारात्मक प्रभाव:
मजबूत शुक्र ग्रह व्यक्ति को भौतिक सुख, धन, वैभव, और आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है। इससे वैवाहिक जीवन सुखी होता है और प्रेम संबंधों में मिठास बनी रहती है.
नकारात्मक प्रभाव:
कमजोर शुक्र ग्रह आर्थिक परेशानियों, स्वास्थ्य समस्याओं, और वैवाहिक जीवन में तनाव का कारण बन सकता है.
उच्च राशि:
मीन राशि में शुक्र उच्च का होता है, और इसका प्रभाव व्यक्ति को सुख और आनंद प्रदान करता है.
नीच राशि:
कन्या राशि में शुक्र नीच का होता है, और इसका प्रभाव व्यक्ति को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है.
दैत्य गुरु शुक्र अभी तक अपनी उच्च राशि मीन में गोचर कर रहे थे। लेकिन 31 मई की सुबह 11:17 मिनट पर यह मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर कर चुके हैं। मेष राशि के स्वामी मंगल हैं। शुक्र के मेष में गोचर करने से कई लोगों के जीवन में पॉजिटिव बदलाव देखने को मिलेंगे। शुक्र जीवन में लग्जरी देने वाले ग्रह हैं। इनके राशि परिवर्तन से चार राशियों को बंपर लाभ होगा। जानिए कौन सी वह भाग्यशाली राशियां हैं भागवत-व्यास पंडित गिरीश पाण्डेय जी से
कर्क राशि-
दैत्य गुरु शुक्र का यह गोचर कर्क राशि के लिए दसवें भाव में होने जा रहा है। कुंडली में दसवां भाव कर्म का, करियर का और व्यापार का भाव होता है। इस भाव में शुक्र के गोचर से कर्क राशि के जातकों को करियर में लाभ होगा। जिन जातकों का प्रमोशन लंबे समय से अटका हुआ था उनका प्रमोशन हो सकता है। कार्यक्षेत्र में और व्यापार में स्त्री पक्ष से लाभ होगा। शुक्र ग्रह व्यक्ति के कला पक्ष से संबंधित है। जो व्यक्ति कला क्षेत्र से हैं उन्हें इस गोचर के दौरान विशेष उपलब्धि प्राप्त हो सकती है। शुक्र के गोचर के दौरान भाग्य प्रबल रहेगा। समय अनुकूल रहेगा। विशेष लाभ मिलेगा।
तुला राशि –
शुक्र ग्रह तुला राशि के स्वामी ग्रह हैं।शुक्र का मेष राशि में गोचर होने से यह तुला राशि के सप्तम भाव में विराजमान हो जाएंगे। सप्तम भाव दांपत्य जीवन का है। इस गोचर के दौरान लाइफ पार्टनर के साथ प्यार और रोमांस बढ़ेगा। लाइफ पार्टनर के साथ संबंध मधुर रहेंगे। अचानक से भाग्योदय भी हो सकता है। आपके भाग्य के भरोसे करियर की गाड़ी भी आगे बढ़ सकती है। तुला राशि की लोग इस गोचर के दौरान लग्जरी आइटम परचेस कर सकते हैं।
धनु राशि –
दैत्य गुरु शुक्र का गोचर धनु राशि के लिए पंचम भाव में होने वाला है। आपके जीवन में प्रेम का आगमन होगा। यदि आप किसी रिलेशन में है तो विवाह का प्रस्ताव भी मिल सकता है। धनु राशि के लिए जो जातक पढ़ाई कर रहे हैं उनका मन मुताबिक रिजल्ट प्राप्ति होगी। कला के क्षेत्र में विशेष करके जो लोग गायन, वादन और मीडिया में है उनके लिए शानदार समय प्रतीक्षा कर रहा है। भाग्य का सितारा बुलंदी पर होने से किस्मत चमक सकता है।
मकर राशि –
मकर राशि में शुक्र का गोचर चौथे भाव में होने वाला है। इस दौरान जबकि शुक्र की दृष्टि आपके कर्म भाव पर रहेगी। आप पहले से ज्यादा ऊर्जावान होंगे। पारिवारिक जीवन सुखमय बीतेगा। घर परिवार में किसी नजदीक रिश्तेदार का विवाह भी तय हो सकता है। कार्यक्षेत्र में व्यवसाय में विशेष सफलता की योग बनेंगे। मकर राशि के जातक लंबे समय से प्रॉपर्टी खरीदने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं तो उनका सपना इस दौरान पूरा हो सकता है। प्रमाद को त्याग कर कार्य पर पूरा ध्यान लगावें तो सफलता आपके कदम चूमेगी। समाज में आपकी यश प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी।
जिन राशियों के लिए शुक्र का गोचर अच्छा नहीं है वो निम्न उपाय कर सकते हैं
1) शुक्रवार का व्रत रखें,
2) सफेद वस्त्र पहनें, और शुक्र मंत्र का जाप करें।
3)सफेद वस्तुओं का दान करें, जैसे कि चांदी, चावल, और मिश्री,
4)हीरा या आस्ट्रेलियाई ओपल रत्न (अच्छी क्वालिटी का) धारण करें.
पं. गिरीश पाण्डेय
एस्ट्रो-गुरू, भागवत-व्यास
एस्ट्रो- सेज पैनल -मेंबर
सचिव पुरोहित मंच
ज़िला- महासमुन्द छ.ग.
संपर्क सूत्र – 7000217167
संकट मोचन मंदिर
मण्डी परिसर, पिथौरा
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(शुल्क -५०१/-)