
रायपुर। नवा रायपुर से सटे मंदिर हसौद के मुख्य चौक पर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 53 पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर का कार्य अत्यधिक धीमी गति से चलने के कारण क्षेत्रवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डेढ़ से दो साल से अधिक समय से चल रहे इस निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार, धूल-प्रदूषण और टूटी-फूटी सड़कों ने स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आयदिन होने वाली दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम ने क्षेत्र में हाहाकार मचा रखा है।
मंदिर हसौद के मुख्य चौक पर बन रहे इस फ्लाईओवर के आसपास की सड़कें जर्जर हो चुकी हैं, जिससे एक किलोमीटर की दूरी तय करना लोगों के लिए चुनौती बन गया है। निर्माण स्थल पर भारी वाहनों, जैसे रायपुर से पश्चिम बंगाल जाने वाली लाइन गाड़ियां, रेलवे, मोनेट, जिंदल, ऑयल डिपो, वेयरहाउस, और एफसीआई गोदाम के लिए चलने वाले ट्रकों का लगातार आवागमन रहता है। इसके अलावा रायपुर-महासमुंद की बसें, लोकल ऑटो, और सिटी बसें भी इस मार्ग से गुजरती हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। निर्माणाधीन फ्लाईओवर के बीच में लोगों के आवागमन के लिए रास्ता नहीं खोला गया है, जिसके चलते लोगों को लंबा और जर्जर रास्ता घूमकर एक छोर से दूसरे छोर तक जाना पड़ता है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि फ्लाईओवर का मुख्य ढांचा लगभग तैयार हो चुका है, फिर भी बीच में रास्ता नहीं खोला गया, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है। निर्माण स्थल पर उड़ने वाली धूल और प्रदूषण ने लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया है। जर्जर सड़कों के कारण वाहन चालकों और पैदल यात्रियों को दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इसके बावजूद ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों द्वारा सड़कों की मरम्मत या रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
स्थानीय पार्षद और अधिवक्ता अनुज मिश्रा ने इस मामले को गंभीरता से उठाते हुए रायपुर के जिला कलेक्टर और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना निदेशक, भारत सरकार को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है। उन्होंने निर्माण की धीमी गति, धूल-प्रदूषण, टूटी सड़कों, और आवागमन की बदहाल व्यवस्था पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। मिश्रा ने विशेष रूप से फ्लाईओवर के बीच में रास्ता खोलने की मांग की ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके। उन्होंने कहा, यह राजधानी रायपुर से सटा इलाका है, जहां से बड़े नेता और अधिकारी गुजरते हैं, फिर भी इस बदहाल स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।