राशिफल

मंगल केतु की युति बनाएगी विस्फोटक योग!!! द्वादश राशियों पर इसका क्या पड़ेगा प्रभाव??? जानिए आचार्य पं गिरीश पाण्डेय जी से….

मंगल केतु की युति बनाएगी विस्फोटक योग!!! द्वादश राशियों पर इसका क्या पड़ेगा प्रभाव??? जानिए आचार्य पं गिरीश पाण्डेय जी से….

नवग्रहों में मंगल का स्थान विशिष्ट माना गया है। पिछले लेख में मंगल के राशि परिवर्तन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई थी। 7 जून को जब मंगल सिंह राशि में आएंगे तब वहां पहले से मौजूद केतु के साथ उनका संयोग बनेगा जिसे ज्योतिष में कुज- केतु योग कहा जाता है।

जून के आरंभ में ही दो क्रूर ग्रहों की युति का 12 राशियों पर अच्छा और बुरा दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा। कुज -केतु योग एक विशिष्ट ग्रह योग है जो की मंगल और केतु की युति या एक ही राशि में आ जाने से बनता है। इस योग को ज्योतिष में क्रूर और अशुभ योग माना जाता है। संपूर्ण ब्रह्मांड में इस युति से विस्फोटक योग का निर्माण होगा।

अंतरराष्ट्रीय संबंधों में प्रतिस्पर्धी देशों के बीच तनातनी बढ़ेगी। युद्धरत देश यूक्रेन और रूस के बीच की लड़ाई और तेज होगी। जबकि इस युति के परिणाम स्वरूप संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं। आईए जानते हैं मंगल केतु की युति का 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा:

मेष राशि
मेष राशि के लिए मंगल केतु की युति नवम भाव में हो रही है। इस युति के परिणाम स्वरूप आपकी जीवन की अधूरी इच्छाएं पूरी करने की ललक जाग सकती है। आप ज्यादा क्रियाशील हो सकते हैं। मंगल केतु की युति से आप धर्म से प्रतिकूल रास्ते पर जा सकते हैं।

वृषराशि
वृष राशि के लिए मंगल केतु की युति दशम भाव में होने जा रही है। दशम भाव कार्य-व्यापार और कैरियर का होता है। इस युति से व्यापार में दबाव महसूस कर सकते हैं। नौकरी पेशा लोग कार्यभार अधिक महसूस करेंगे। इस युति से करियर में कोई मुकाम भी हासिल कर सकते हैं।

मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल केतु की युति 11वें भाव में होने वाली है। इस युति के कारण मिथुन राशि के जातकों के आय में वृद्धि होने का योग बनेगा। संबंध प्रगाढ़ होंगे। कार्य-व्यापार को गति मिलेगी।

कर्क राशि
कर्क राशि के लिए मंगल केतु की युति 12वें भाव में होने वाली है। इस युति के कारण आपका व्यय अचानक से बढ़ सकता है। कामकाज प्रभावित हो सकता है। नौकरी पेशा लोगों को स्थानांतरण का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही साथ विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है।

सिंह राशि
सिंह राशि के लिए मंगल केतु की युति प्रथम भाव में हो रही है। इसके फल स्वरुप जातक का झुकाव खेलकूद या स्वयं को फिट रखने की दिशा में हो सकता है। सिंह राशि में मंगल केतु के आने से सिंह राशि के जातक का स्वभाव उग्र और आक्रामक हो सकता है। सिंह राशि के लोग अगर अपनी आक्रामकता पर अंकुश लगाए उन्हें सफलता प्राप्त हो सकती है।

कन्या राशि
कन्या राशि के लिए मंगल केतु की युति द्वितीय भाव में होने वाली है। जो की कन्या राशि के लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। क्योंकि कन्या राशि के लिए यह युति धन के मामले और पारिवारिक संबंधों को प्रभावित करेगी।

तुला राशि
तुला राशि के लिए मंगल केतु की युति तृतीय भाव में होने वाली है। जिससे भाई -बहनों से मतभेद हो सकते हैं।अत्यधिक प्रयास करने के बाद भी सफलता से दूर रह सकते हैं।

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए मंगल और केतु की युति चतुर्थ भाव में हो रही है। चतुर्थ भाव माता का होता है, परिवार का होता है। इस युति से माता के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। परिवार में मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं।

धनु राशि
धनु राशि के लिए मंगल केतु की युति पंचम भाव में होने वाली है। इस युति के कारण जातक के शिक्षा में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है। संतान से संबंधित परेशानी होगी। संतान के लिए चिंतित रहेंगे। पर्सनल लाइफ भी प्रभावित रहेगी।

मकर राशि
मकर राशि के लिए मंगल केतु की युति छठे भाव में हो रही है। छठा भाव रोग, ऋण और शत्रु का होता है। कार्यक्षेत्र में और व्यापार में सफलता प्राप्त होगी। शत्रु पक्ष पर विजय श्री प्राप्त करेंगे। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना इस युति के दौरान आवश्यक होगा।

कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल केतु की युति सप्तम भाव में हो रही है। जिसके कारण से आपका वैवाहिक जीवन प्रभावित रहेगा। जो जातक किसी रिलेशनशिप में है उनके लिए समय अच्छा नहीं कहा जा सकता।

मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल केतु की युति अष्टम भाव में हो रही है। इस युति के कारण मीन राशि के लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं आ सकती हैं।अष्टम भाव गुप्त ज्ञान का है मीन राशि के लोग गुप्त ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहेंगे।

उपाय
१) मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर अवश्य जाएं।
२) भोलेनाथ को गंगाजल अर्पित करें। रूद्राभिषेक कराएं।
३) मंगल-केतु के मंत्रों का जप कराएं।
४) मंदिर में ध्वज लगवाएं।
५) मंगल और केतु का दान करें।
६) मंगल का बीज मंत्र है- ॐ अं अंगारकाय नम:। केतु का बीज मंत्र है- ॐ कें केतवे नम:।

पं. गिरीश पाण्डेय
एस्ट्रो-गुरू, भागवत-व्यास
एस्ट्रो- सेज पैनल -मेंबर

सचिव पुरोहित मंच
ज़िला- महासमुन्द छ.ग.

संपर्क सूत्र – 7000217167
संकट मोचन मंदिर
मण्डी परिसर,पिथौरा

कुंडली संबंधी कार्यों के लिए संपर्क करें
(शुल्क -५०१/-)

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