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न्यायिक हिरासत में बंद समाजसेवी श्याम देशमुख से जेल में मारपीट, समाज में आक्रोश, FIR न होने पर गंज थाने में हंगामा

न्यायिक हिरासत में बंद समाजसेवी श्याम देशमुख से जेल में मारपीट, समाज में आक्रोश, FIR न होने पर गंज थाने में हंगामा

रायपुर। राजधानी रायपुर स्थित केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में बंद एक समाजसेवी के साथ कथित रूप से की गई मारपीट ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। पीड़ित श्याम देशमुख, जो सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं, पर जेल में बंद कुछ कैदियों द्वारा जानलेवा हमला किया गया। परिजनों और समाज के लोगों ने आरोप लगाया है कि यह हमला जेल में पदस्थ शिक्षक नेतराम नाकतोड़े के इशारे पर हुआ।

श्याम देशमुख ने घटना की जानकारी अपने वकील और समाज के प्रतिनिधियों को दी है। बताया गया है कि हमले में उन्हें गंभीर चोटें आई हैं और वे मानसिक रूप से भी बेहद व्यथित हैं। यह घटना जेल में हाल ही में घटी है और इससे जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

समाज में आक्रोश, गंज थाने में प्रदर्शन

घटना की जानकारी मिलते ही श्याम देशमुख के परिजन और समाज के अन्य सदस्य बड़ी संख्या में गंज थाना पहुंचे। वहां उन्होंने शिक्षक नेतराम नाकतोड़े और हमला करने वाले कैदियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। लोगों ने थाने में धरना देकर जमकर नारेबाजी की और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया।

प्रदर्शन में शामिल एक समाज प्रतिनिधि ने कहा, “श्याम देशमुख ने सदैव समाज के लिए कार्य किया है। जेल में उनके साथ हुई यह अमानवीय घटना निंदनीय है। हम न्याय चाहते हैं, न कि अपमान। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”

पुलिस की चुप्पी और जांच के दावे

गंज थाना पुलिस ने अभी तक मामले पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। हालांकि, थाने में हंगामे के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है और पुलिस ने मामले की जांच का भरोसा दिलाया है।

जेल में बढ़ती हिंसा पर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर जेल की आंतरिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। न्यायिक हिरासत में बंद व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी जेल प्रशासन की होती है, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि जेल में मौजूद अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती हैं।

समाज के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों के खिलाफ शीघ्र और सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।

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