छत्तीसगढ़दुर्ग

दुर्ग जिला अस्पताल में शर्मनाक लापरवाही : मरीज तड़पता रहा, ऑक्सीजन तक नहीं दी, तड़प-तड़पकर मौत

दुर्ग जिला अस्पताल में शर्मनाक लापरवाही : मरीज तड़पता रहा, ऑक्सीजन तक नहीं दी, तड़प-तड़पकर मौत

दुर्ग। जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जिला अस्पताल में भर्ती भिलाई खुर्सीपार निवासी 35 वर्षीय मेघराज बैद्य की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने मेघराज की जान ले ली। मरीज चार दिन से भर्ती था, लेकिन तबीयत बिगड़ने के बावजूद न तो डॉक्टर आए और न ही किसी नर्स ने देखभाल की।

दुर्ग जिला अस्पताल में एक मरीज की जान इतनी सस्ती है? क्या अस्पताल का सिस्टम इतना असंवेदनशील हो गया है कि एक तड़पते इंसान की चीखें भी वहां सुनाई नहीं देतीं? अब जांच होगी, बयान आएंगे, लेकिन मेघराज अब कभी लौटकर नहीं आएगा।वहीं मेघराज की बहन पुष्पा ने रोते हुए बताया भाई को सांस लेने में दिक्कत थी। पहले दो दिन इमरजेंसी में रखा गया, तब हालत ठीक थी। लेकिन फिर बाहर के वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। जब तबीयत बिगड़ी तो हमने कई बार डॉक्टर को बुलाया, लेकिन कोई समय पर नहीं आया। वह तड़पता रहा, हम गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। मेरे भाई की तड़प-तड़पकर मौत हो गई।

मृतक की मां ने कांपती आवाज में कहा की रात भर वह उल्टी-दस्त से परेशान था। हम लोग नर्स और डॉक्टर को कई बार बुलाने गए, लेकिन हर बार यही कहा गया अभी आते हैं। लेकिन कोई नहीं आया। मेरी आंखों के सामने मेरा बेटा दम तोड़ता रहा और हम कुछ नहीं कर पाए।

परिजनों का यह भी आरोप है कि जब मरीज को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी, तब भी ऑक्सीजन नहीं लगाया गया। समय पर इलाज नहीं मिलने से मेघराज की जान चली गई। पूरा परिवार गम और गुस्से से बेहाल है। उनका कहना है कि दोषी डॉक्टरों और नर्सों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

इस पूरे मामले में जिला अस्पताल के डॉक्टर के.के. जैन का कहना है, मरीज एचआईवी संक्रमित था और फेफड़ों में गंभीर संक्रमण था। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई है। यदि लापरवाही हुई है तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button