
बहुचर्चित शराब घोटाले में अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट से झटका, जांच की न्यायिक निगरानी की याचिका खारिज
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। टुटेजा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और पुलिस की जांच की न्यायिक निगरानी की मांग करते हुए याचिका दायर की थी, जिसे जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच ने 27 जून 2025 को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र और नियमों के तहत काम कर रही हैं, इसलिए न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। टुटेजा के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है और जांच एजेंसियां पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही हैं। उन्होंने दावा किया कि टुटेजा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं और जांच में पारदर्शिता के लिए न्यायिक निगरानी जरूरी है। वहीं, ईडी की ओर से उपमहाधिवक्ता डॉ. सौरभ पांडेय ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि टुटेजा शराब घोटाले के अलावा डीएमएफ और कोयला घोटालों में भी आरोपी हैं। उन्होंने इसे जांच में हस्तक्षेप की कोशिश करार दिया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जांच एजेंसियां अपने दायरे में स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं। कोर्ट ने टुटेजा की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वर्तमान में न्यायिक निगरानी की कोई जरूरत नहीं है। यह फैसला टुटेजा के लिए दूसरा बड़ा झटका है, क्योंकि इससे पहले उनकी जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है।