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महिलाओं तुरंत कम करें मोटापा, ज्यादा वजन के कारण हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर, जानिए एक्सपर्ट की राय…

महिलाओं तुरंत कम करें मोटापा, ज्यादा वजन के कारण हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर, जानिए एक्सपर्ट की राय…

नई दिल्ली। अधिकांश लोग हाई बॉडी मास इंडेक्स को हार्ट संबंधी समस्याओं और डायबिटीज जैसी जीवनशैली संबंधी बीमारियों से जोड़ते हैं. लेकिन अब, इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि हाई बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है, खासकर मेनोपॉज के बाद की महिलाओं में. यह मुख्य रूप से मेनोपॉज के बाद वसा ऊतक द्वारा एस्ट्रोजन के बढ़े हुए उत्पादन के कारण होता है, जो हार्मोन-रिसेप्टर पॉजिटिव स्तन कैंसर के विकास को बढ़ावा दे सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक नए अध्ययन में पता चला है कि मेनोपॉज के बाद हार्ट डिजीज से पीड़ित महिलाओं में अधिक वजन होने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. यह अध्ययन सोमवार को अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की पत्रिका ‘कैंसर’ में प्रकाशित हुआ. अध्ययन के अनुसार, जिन महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स ज्यादा होता है, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा पहले से ही ज्यादा होता है. टाइप-2 डायबिटीज का इस जोखिम पर कोई खास असर नहीं पड़ा, यानी ज्यादा बीएमआई डायबिटीज से पीड़ित और डायबिटीज फ्री महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा समान रूप से बढ़ा देता है.

संगठन की कैंसर अनुसंधान शाखा, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के एक शोधकर्ता हेंज फ्रीस्लिंग ने कहा कि इस अध्ययन के नतीजे स्तन कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रमों को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में हार्ट डिजीज से पीड़ित महिलाओं को वजन घटाने के परीक्षणों में शामिल करके स्तन कैंसर की रोकथाम पर शोध किया जाना चाहिए.

शोधकर्ताओं ने यूरोपियन प्रॉस्पेक्टिव इन्वेस्टिगेशन इनटू कैंसर एंड न्यूट्रिशन और यूके बायोबैंक से 168,547 रजोनिवृत्त महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया. अध्ययन की शुरुआत में इन महिलाओं को न तो टाइप-2 डायबिटीज था और न ही हार्ट डिजीज. लगभग 10 से 11 वर्षों के फॉलो अप स्टडी के बाद, मेनोपॉज के बाद की 6,793 महिलाओं में स्तन कैंसर का पता चला.

अध्ययन में यह भी पता चला कि अधिक वजन और हार्ट डिजीज दोनों मिलकर हर साल प्रति 1,00,000 लोगों पर स्तन कैंसर के 153 अतिरिक्त मामले पैदा कर सकते हैं. पिछले शोधों ने साबित किया है कि मोटापा 12 प्रकार के कैंसर, जैसे गर्भाशय, किडनी, लीवर और कोलोरेक्टल कैंसर, के रिस्क को बढ़ाता है. वहीं, हाल ही में ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि अधिक वजन वाली महिलाओं में बड़े ट्यूमर और उन्नत अवस्था वाले स्तन कैंसर होने की संभावना अधिक होती है.

स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

  • स्तन पर गांठ या स्किन का मोटा होना, या ब्रेस्ट के आस-पास के हिस्सों में कुछ अलग महसूस होना.
  • निप्पल के साइज में बदलाव और चपटा दिखना है, या निप्पल अंदर की ओर मुड़ा हुआ होना.
  • स्तन की त्वचा के रंग में बदलाव. व्हाइट स्किन वाले लोगों में, ब्रेस्ट की त्वचा गुलाबी या लाल रंग की दिख सकती है. भूरी और काली त्वचा वाले लोगों में, ब्रेस्ट की त्वचा छाती की अन्य त्वचा की तुलना में गहरे रंग की दिख सकती है या यह लाल या बैंगनी दिख सकती है.
  • स्तन के आकार, आकृति या दिखावट में बदलाव.
  • स्तन के ऊपर की त्वचा में बदलाव, जैसे कि त्वचा में गड्ढे पड़ना या संतरे के छिलके जैसी दिखना.
  • स्तन की त्वचा का छिलना, पपड़ी बनना.

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