
किसान हित में गौठानों में पुनः रोकाछेका व्यवथा तत्काल लागू करने की मांग को लेकर वतन चन्द्राकर ने एस डी एम को ज्ञापन सौपा
आरंग। ग्राम नारा स्थित गौठान में रविवार को 25 ग्रामों से बड़ी संख्या में आए किसानों की उपस्थिति में सम्पन्न बैठक में खरीफ व उन्हारी फसलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चर्चा हुई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गांवों में घूमते मवेशियों के कारण धान के नाजुक पौधों को भारी नुकसान हो रहा है, जिससे न केवल वर्तमान फसल प्रभावित हो रही है, बल्कि आगामी तिलहन व दलहन फसलों की बुवाई भी संकट में पड़ सकती है। किसानों ने फसल सुरक्षा के लिए तत्काल “रोका-छेका” व्यवस्था को पुनः सक्रिय करने तथा प्रत्येक गांव में स्थित गौठानों में मवेशियों को रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की।
इस किसान हितकारी निर्णय को प्रशासन तक पहुंचाने के उद्देश्य से क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य वतन चन्द्राकर ने एस.डी.एम. आरंग को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि यदि समय रहते रोका-छेका की व्यवस्था नहीं की गई, तो किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और अधिक कमजोर हो जाएगी।
ज्ञापन में इस बात पर बल दिया गया कि गौठानों का निर्माण ही मवेशियों को नियंत्रित करने व फसल बचाने के उद्देश्य से हुआ था, परंतु वर्तमान में इनका उपयोग बंद हो जाने के कारण किसान फिर से संकट में आ गए है। चन्द्राकर ने एस.डी.एम. से मांग की कि किसान हित में इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए ताकि फसलें सुरक्षित रह सकें और क्षेत्र के किसान आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि खेती ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और इसकी सुरक्षा करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। ज्ञापन सौंपने के बाद चन्द्राकर ने प्रेस से चर्चा करते हुए कहा कि यदि प्रशासन द्वारा किसानों की निर्णय पर शीघ्र पहल नहीं की गई, तो वे किसानों के साथ मिलकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। जिनकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी*।