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ज्यादा चाय पीने वाले हो जाएं सावधान! बढ़ जाएगा ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और टूटने लगेंगी हड्डियां, जानिए कैसे

ज्यादा चाय पीने वाले हो जाएं सावधान! बढ़ जाएगा ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और टूटने लगेंगी हड्डियां, जानिए कैसे

नई दिल्ली। ज्यादातर लोगों के लिए दिन भर में कुछ कप ब्लैक या ग्रीन टी नुकसानदेह नहीं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक होती है. यह कैलोरी में कम होती है, पॉलीफेनोल्स से भरपूर होती है और व्यस्त दिन में आराम देती है. लेकिन चाय की पत्तियों में एंटीऑक्सिडेंट के साथ-साथ कैफीन, टैनिन और माइक्रो मिनरल्स भी होते हैं, जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं. ज्यादा चाय पीने से कैफीन और टैनिन की अधिक मात्रा से पाचन संबंधी समस्याएं, सिरदर्द, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.

हेल्थलाइन के अनुसार, रोजाना 10 कप से ज्यादा चाय पीने वाले 10 लोगों पर एक अध्ययन किया गया. इन 10 लोगों में आयरन का स्तर गिर गया, नींद में खलल पड़ा, सिरदर्द होने लगा और ब्लड प्रेशर बढ़ गया. इसका मतलब यह नहीं है कि लोगों को शाम या सुबह की चाय हमेशा के लिए छोड़ देनी चाहिए. इस शोध का मतलब है कि जिस तरह शराब, एल्कोहल, सिगरेट पर नियंत्रण रखने की जरूरत है, उसी तरह चाय पीने की आदत पर भी कंट्रोल रखने की जरूरत है. इस खबर के जरिए जानें कि ज्यादा चाय पीने से सेहत को कैसे नुकसान पहुंचता है और इससे बचने के आसान उपाय क्या हैं.

अधिक चाय पीने से आपकी सेहत को कैसे नुकसान हो सकता है, जानें…

आयरन के अवशोषण में कमी आना

चाय की पत्तियों में टैनिन होते हैं, जो कसैले यौगिक हैं और वनस्पति खाद्य पदार्थों में मौजूद नॉन-हीम आयरन को बांध सकते हैं, जिससे शरीर द्वारा इसके अवशोषण में बाधा आ सकती है. टैनिन, विशेष रूप से पॉलीफेनोल्स, चाय में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं और चाय के कसैले स्वाद के लिए जिम्मेदार होते हैं. एक अध्ययनों से पता चलता है कि शाकाहारियों और वीगन लोगों पर इसका असर सबसे अधिक होता है, जिन्हें आयरन मुख्य रूप से बीन्स, दालों और पत्तेदार सब्जियों से मिलता है. अगर आप खाने के साथ चाय पीते हैं और ब्लड टेस्ट में थकान या फेरिटिन का स्तर कम दिखाई देता है, तो खाने के एक घंटे बाद ही चाय पीने की आदत डालें.

ज्यादा कैफीन से चिंता, घबराहट और नींद की कमी हो सकती है. रिपोर्टों के अनुसार, प्रति कप काली चाय में औसतन 40-60 मिलीग्राम कैफीन होता है. स्ट्रॉन्ग ग्रीन टी में भी लगभग इतनी ही मात्रा हो सकती है. अगर आप प्रतिदिन 400 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन करते हैं, तो तेज दिल की धड़कन, हाथों का कांपना और रात में नींद से जागना जैसे नॉर्मल लक्षण दिखाई देने लगते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कुछ लोगों को, खासकर जो चाय के प्रति संवेदनशील हैं, उन्हें दो बड़े कप चाय पीने के बाद ही अजीब सा महसूस हो सकता है. यह कैफीन की मात्रा, व्यक्तिगत संवेदनशीलता और चाय के प्रकार जैसे फैक्टर्स पर निर्भर करता है.

पाचन संबंधी परेशानी और एसिड रिफ्लक्स की समस्या

अधिक चाय पीने से पाचन संबंधी परेशानियां और एसिड रिफ्लक्स (छाती में जलन) हो सकती है. चाय में मौजूद कैफीन और टैनिन पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकते हैं और पेट में एसिडिटी बढ़ा सकते हैं, जिससे सीने में जलन और एसिड रिफ्लक्स हो सकता है.

अधिक कैफीन लेने वालों में सिरदर्द की समस्या

बार-बार कैफीन का सेवन से विथड्रॉल सिरदर्द हो सकता है. दूसरी ओर, बहुत ज्यादा सेवन (प्रतिदिन 700 मिलीग्राम से ज्यादा) लगातार रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने से क्रोनिक टेंशन सिरदर्द पैदा कर सकता है. धीरे-धीरे कम करना, न कि तुरंत छोड़ देना, इसका सबसे अच्छा उपाय है.

निर्भरता और हल्की लत

कैफीन एडेनोसिन रिसेप्टर्स को ब्लॉक करके मस्तिष्क के रसायन विज्ञान को बदल देता है. शरीर इसके अनुकूल ढल जाता है. चाय की लत एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को चाय पीने की अत्यधिक इच्छा होती है और उसे छोड़ना मुश्किल होता है. यह लत, जिसे कैफीन की लत का एक रूप माना जाता है, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह के प्रभावों से जुड़ी हो सकती है.

गर्भावस्था और बच्चे के विकास में बाधा

ज्यादा कैफीन का सेवन जन्म के समय कम वजन और गर्भपात से जुड़ा है.. स्वास्थ्य एजेंसियों ने गर्भावस्था के दौरान कैफीन की मात्रा को प्रतिदिन 200 मिलीग्राम तक सीमित रखने की सलाह दी है, जो लगभग तीन छोटे कप चाय के बराबर है.

हड्डियों का स्वास्थ्य और कैल्शियम की कमी

ncbi में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, ज्यादा मात्रा में कैफीन पेशाब के माध्यम से कैल्शियम के उत्सर्जन को तेज कर देता है, जिससे लंबे समय तक फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है, खासकर उन लोगों में जो कम कैल्शियम वाला आहार भी लेते हैं. वहीं, कैल्शियम की कमी होने पर, शरीर हड्डियों से कैल्शियम निकालकर उसकी भरपाई करने की कोशिश करता है, जिससे हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है.

दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर में वृद्धि

कैफीन कुछ समय के लिए सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है और संवेदनशील हृदय वाले लोगों में धड़कन बढ़ा सकता है. कैफीन नॉरएड्रेनालाईन और नॉरएपिनेफ्रिन के स्राव को बढ़ाता है, जिससे कुछ लोगों में हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर या अतालता से पीड़ित लोगों को ब्लड प्रेशप की रीडिंग पर नजर रखनी चाहिए और दिन में चाय का समय पहले ही तय कर लेना चाहिए.

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