
भारतमाला मुआवजा घोटाले में चारों आरोपी को हाईकोर्ट से नियमित जमानत, कोर्ट ने कहा– यह कानूनी अधिकार
बिलासपुर। भारतमाला परियोजना के तहत हुए मुआवजा राशि घोटाले में गिरफ्तार चार आरोपियों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने शुक्रवार को हरमीत खनूजा, विजय जैन, उमा तिवारी और केदार तिवारी की नियमित जमानत याचिका को मंजूरी दे दी।
आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज परांजपे और सरफराज खान ने पैरवी की। उन्होंने कोर्ट के समक्ष तर्क रखा कि जमानत न देने का कोई वैधानिक आधार नहीं है और आरोपियों को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ सहयोग करने की इच्छा है। सुनवाई के बाद न्यायालय ने कहा कि यह कोई अंतरिम राहत नहीं, बल्कि कानूनी अधिकार के तहत दी गई जमानत है।
गौरतलब है कि आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर के लिए भारतमाला योजना के तहत भूमि अधिग्रहण में फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के आरोपों में इन चारों को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी के अनुसार, आरोपियों ने जमीन को टुकड़ों में बांटने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और मुआवजा राशि गलत व्यक्तियों के नाम ट्रांसफर कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की। ईओडब्ल्यू मामले की गहन जांच कर रही है और इस घोटाले में कुछ और नाम भी जल्द सामने आ सकते हैं।