
कोयला घोटाले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी सहित इन की याचिकाएं की खारिज…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला परिवहन लेवी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई संपत्ति कुर्की के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस विभू दत्त गुरु की पीठ ने यह अहम फैसला सुनाया।
यह याचिकाएं सूर्यकांत तिवारी, पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया, पूर्व आईएएस समीर विश्नोई और उनके परिजनों की ओर से दायर की गई थीं। याचिकाकर्ताओं ने ईडी द्वारा की गई करीब 49.73 करोड़ रुपये की 100 से अधिक चल-अचल संपत्तियों की कुर्की को चुनौती दी थी। संपत्तियों में नकदी, वाहन, बैंक बैलेंस, आभूषण और ज़मीन शामिल हैं।
ईडी ने यह कुर्की पीएमएलए (PMLA) 2002 के तहत 30 जनवरी 2025 को की थी। जिनकी संपत्तियाँ अटैच की गई हैं उनमें सूर्यकांत तिवारी के साथ उनके भाई रजनीकांत तिवारी, कैलाशा तिवारी, दिव्या तिवारी, सौम्या चौरसिया, उनके भाई अनुराग चौरसिया, मां शांति देवी और समीर विश्नोई जैसे नाम शामिल हैं।
इस पूरे मामले में दोनों पक्षों की ओर से विस्तृत बहस हुई थी। सभी दस याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब खारिज कर दिया गया है।
यह फैसला प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को कानूनी मान्यता प्रदान करता है और कोयला घोटाले से जुड़े आरोपियों पर शिकंजा और कस सकता है।