
बीमा से इंकार का प्रपत्र नहीं भरा तो जबरिया फसल बीमा का अनोखा योजना लागू
रायपुर। आज तक तो बीमा कराने के इच्छुकों द्वारा आवेदन करने पर ही बीमित किये जाने की जानकारी मिली है पर पहली बार फसल की बीमा न कराने के इच्छुक ऋणी किसानों द्वारा इस संबंध में नियत तिथि 31 जुलाई तक निर्धारित प्रपत्र न भरने पर जबरिया फसल बीमित करने का अनोखा योजना सामने आया है। सोसायटियों के माध्यम से अल्पकालीन ऋण लेने वाले किसानों द्वारा पूर्व में इस संबंध में भरे जा चुके फ़ार्मों को दरकिनार कर खेती के इस व्यस्ततम मौसम में किसानों को सोसायटियों में पहुंच यह प्रपत्र भरना पड़ रहा है। सर्वाधिक दिलचस्प बात तो यह है कि हिंदी व क्षेत्रीय भाषा की वकालत करने वालों के राज में अंग्रेजी न पढ़ पाने वाले अधिकतम सोसायटी कर्मियों व किसानों के लिये यह प्रपत्र अंग्रेजी में है।
किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुये बतलाया है कि भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2025 को रायपुर सहित 12 जिलों में बीमा की जिम्मेदारी एच डी एफ सी एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर है।
अधिसूचित इन 12 जिलों रायपुर , बिलासपुर, दुर्ग, महेन्द्रगढ़, चिरमिरी – भरतपुर, मुंगेली, सुकमा, सरगुजा, बालोद, बलौदाबाजार, महासमुंद, दंतेवाड़ा व गौरेला पेड्रा मरवाही के लिये अधिसूचित फसल सिंचित व असिंचित धान, उड़द, मूंग, मूंगफली, कोदो , कुटकी, मक्का, अरहर, तुअर, रागी व सोयाबीन के लिये यह योजना लागू किया गया है।
अधिसूचित फसलों हेतु जिलेवार अलग – अलग प्रत्येक हेक्टेयर हेतु बीमित राशि तय कर प्रिमियम निर्धारित किये जाने की जानकारी देते हुये उन्होंने आगे जानकारी दी है कि बहुतायत में बोये जाने वाले धान हेतु रायपुर जिले के लिये सिंचित धान हेतु हेतु बीमित राशि 60 हजार व प्रीमियम राशि 12 सौ रुपये तथा असिंचित धान हेतु बीमित राशि 45 हजार व प्रीमियम राशि 9 सौ निर्धारित किया गया है। योजना में इन फसलों हेतु अल्पकालीन ऋण व बीमा न कराने के इच्छुक किसानों द्वारा भारत सरकार द्वारा चयनित प्रपत्र भर हस्ताक्षर कर जमा न करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम के लिये स्वीकृत/ नवीनीकृत की गयी अल्पकालीन कृषि ऋण का अनिवार्य रूप से बीमाकृत किये जाने की भी जानकारी दी गयी है । श्री शर्मा ने इसे अनोखा बीमा योजना की संज्ञा देते हुये किसानों द्वारा पूर्व में अल्पकालीन ऋण हेतु आवेदन देते वक्त ही बीमा की असहमति देने संबंधी प्रपत्र को मान्य कर किसानों को नाहक परेशानियों से निजात दिलाने का आग्रह शासन – प्रशासन से किया है। साथ ही बीमा योजना का प्रचार – प्रसार धरातल स्तर पर न होने की जानकारी देते हुये कहा है कि अधिकांश किसानों की बात तो दूर अधिकतर सोसायटी कर्मियों को भी इस योजना की विस्तृत जानकारी नहीं है जिसके चलते पूर्व के वर्षों में भी बीमा कराने वाले अधिकांश किसान इसका लाभ नहीं उठा सके व इस वजह से किसान बीमा कराने के प्रति इच्छुक नहीं हैं और फायदा संबंधित बीमा कंपनी उठा रहे हैं ।