छत्तीसगढ़दंतेवाड़ा

स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक

हेमन्त कुमार साहू,

  • स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक
  • मलेरिया एवं एनीमिया उन्मूलन अभियानों के सफल क्रियान्वयन के लिए विभागीय प्रयासों के साथ-साथ सामुदायिक सहभागिता भी जरूरी
  • केन्द्र और राज्य के स्वास्थ्य कार्यक्रमों को मिशन मोड में लागू कर स्वास्थ्य संबंधित गुणवत्ता सेवा में जिलों को अग्रणी बनाएं: जायसवाल
  • जिले में एनीमिया मुक्त दंतेवाड़ा अभियान का शुभारंभ किया स्वास्थ्य मंत्री ने

दंतेवाड़ा। प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक ली। बैठक की शुरुआत में उन्होंने मलेरिया मुक्त अभियान पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बस्तर संभाग में मलेरिया नियंत्रण के प्रयासों को और अधिक सघन एवं क्षेत्रीय डाटा आधारित बनाना जरूरी है।

मंत्री ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सिविल सर्जनों से आग्रह किया कि वे अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि मलेरिया उन्मूलन के लिए छोटी-छोटी बातों पर भी गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि यही सतर्कताएं मिलकर बड़े परिणाम देती हैं। मंत्री जायसवाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि डीडीटी का छिड़काव स्कूलों, आंगनवाडि़यों, आश्रम शालाओं एवं पोटाकेबिनों में मिशन मोड में किया जाए, ताकि मलेरिया की रोकथाम प्रभावी ढंग से हो सके। साथ ही, सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे मच्छरदानी के उपयोग को लेकर अधिक से अधिक जन जागरूकता फैलाएं। बैठक के दौरान मंत्री ने पारंपरिक उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि गांवों में नीम की पत्तियों और गोबर के कंडे जलाकर मच्छरों को भगाने की परंपरा रही है, जिसे भी अपनाया जा सकता है। उन्होंने इन उपायों को भी समुदाय में पुनर्जीवित करने की बात कही। स्वास्थ्य मंत्री ने चिरायु कार्यक्रम के संदर्भ में कहा कि स्वास्थ्य विभाग के मैदानी चिकित्सा कर्मचारियों कार्यकर्ताओं की कार्यक्षमता का सही उपयोग सुनिश्चित करें। सभी स्वास्थ्य अभियानों में अन्य विभाग के समन्वय के साथ-साथ अधिकारियों जनप्रतिनिधियों आमजनों की भागीदारी भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि बस्तर जैसे अंचल में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदाय किया जाना एक सही मायने में स्वयं के लिए उपलब्धि है। चूंकि चिकित्सकीय पेशा को ईश्वरीय दर्जा दिया जाता है। अतः इसी सिद्धांत को सर्वोपरि रख कर हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम उत्तम से उत्तम जनसेवा कर इसे सार्थक बनाये। फिर चाहे वह राज्य एवं केन्द्र सरकार की मलेरिया, एनीमिया, क्षय रोग, उन्मूलन योजना, मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, आरोग्य मेला जैसे अभियान हो हर अभियान को मिशन मोड में पूरा करें। ताकि स्वास्थ्य संबंधित गुणवत्ता सेवा में हमारा प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी हो। बैठक में स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया एवं आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा बस्तर संभाग के कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा जिलों में संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों जैसे राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम, शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, राष्ट्रीय गैर संचारी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम, अस्पताल प्रशासन एवं क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम, क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रमों में उक्त जिलों के प्रगति, क्रियान्वयन, प्रदर्शन पर समीक्षा करते हुए मंत्री को अवगत कराया कि राज्य शासन द्वारा स्वास्थ्य संबंधी सभी कार्यक्रमों की क्रियान्वयन की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है साथ ही इसके क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की समस्याओं दिक्कतों पर तुरंत कार्यवाही की जाती है। इस दौरान कहा गया कि शासन का उद्देश्य है कि मलेरिया को पूरी तरह समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब जिला, विकासखंड और ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य अमला पूरी सक्रियता के साथ कार्य करे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे स्वयं फील्ड में जाकर मलेरिया अभियान की निगरानी करें। आरडी किट से जांच के दौरान यदि कोई व्यक्ति मलेरिया पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे दवा की पूरी खुराक दी जाए। साथ ही मितानिनों द्वारा दी गई दवाओं का रैफर जमा किया जाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मरीज ने दवा पूरी कर ली है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “मलेरिया से किसी भी स्थिति में मृत्यु नहीं होनी चाहिए।

बैठक में संभाग अन्तर्गत सभी जिलों स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रगति का पीपीटी के माध्यम से हुआ प्रदर्शन

बैठक में पीपीटी के माध्यम से बताया गया कि मलेरिया उन्मूलन हेतु मलेरिया मृत्यु निरंक किये जाने, मलेरिया प्रकरणों में 30 प्रतिशत कम लाने, सभी उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर 70 प्रतिशत से अधिक एक्टिव सर्विलेंस एवं सभी मलेरिया प्रकरणों का पूर्ण उपचार एवं फॉलोअप, सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता को पुनः प्रशिक्षण, गंभीर मलेरिया प्रकरणों के प्रबंधन हेतु मेडिकल ऑफिसर का प्रशिक्षण, आईएचआईपी का शत प्रतिशत क्रियान्वयन, पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत राज्य की मातृ-मृत्यु अनुपात 132 से बढ़ कर 141 प्रति 1 लाख जीवित जन्म हो गया है, जो की देश में 9 पॉइंट के साथ सबसे बड़ी बढ़त है, उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं का शत प्रतिशत चिन्हांकन एवं संदर्भन, प्रथम संदर्भन इकाई को क्रियाशील करना,समस्त मातृ-मृत्यु का अंकेक्षण कर कार्ययोजना तैयार कर पाई जा रही कमियों को समय सीमा में दूर करने हेतु समयबद्ध प्रयास किये जा रहे है। इसके साथ ही शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत एसएनसीयू एवं एनबीएसयू की क्रियाशीलता सुनिश्चित करते हुए गुणवतापूर्ण उपचार उपलब्ध कराये जाने, शत-प्रतिशत बच्चो का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने, वर्ष 2026 तक मीजल्स रूबेला उन्मूलन, एनीमिया की स्क्रीनिंग एवं उपचार कर एनीमिया की दर को कम करने, चिरायु कार्यक्रम अंतर्गत समस्त बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं चिन्हांकित बच्चों का शत-प्रतिशत उपचार सुनिश्चित किये जाने के संबंध में भी अवगत कराया गया।

इसके अलावा बैठक में पोषण पुनर्वास केंद्र, शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी), स्क्रीनिंग, अभियान,आयुष्मान आरोग्य मंदिर, आरोग्य मेला, राष्ट्रीय गैर संचारी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम, अस्पताल प्रशासन एवं क्वालिटी एश्योरेंस, क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम के संबंध में संभागवार अद्यतन प्रगति की जानकारी दी गई।

विधायक चैतराम अटामी द्वारा जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए रखी गई मांग

बैठक में क्षेत्र के विधायक चैतराम अटामी द्वारा जिले में एंबुलेंस सेवाओं में कमी को देखते हुए अतिरिक्त एंबुलेंस की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित किया गया इसके साथ ही उन्होंने अपोलो हॉस्पिटल बचेली में एंबुलेंस सेवाओं में पंजीयन शुल्क में कमी, मरीजों को रायपुर रेफर करने की स्थिति में दंतेवाड़ा से रायपुर तक एंबुलेंस सेवा, छिंदनार में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के संचालन जिला चिकित्सालय में सर्जन डॉक्टरों की नियुक्ति संबंधी मांगों पर स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री द्वारा उचित कार्यवाही करने हेतु आश्वस्त किया गया। बैठक में ही उनके द्वारा जिले में एनीमिया मुक्त दन्तेवाड़ा अभियान का शुभारंभ भी किया गया। बैठक के समापन पर कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत द्वारा कहा गया कि जिला प्रशासन चिकित्सा प्रदाय सेवाओं की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। और आने वाले समय में हमें इसके बेहतर परिणाम मिलेगें। साथ ही उन्होंने कहा कि बैठक में दिए गए निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जायेगा। इस दौरान बैठक में अध्यक्ष सीजीएमएससी श्री दीपक महस्के, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नंदलाल मुड़ामी, महामारी नियंत्रक श्री एसके पाम्भोेई, जिला पंचायत सीईओ जयंत नाहटा तथा स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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