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सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में उठाया छत्तीसगढ़ और देशभर की सहकारी समितियों का मुद्दा…

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में उठाया छत्तीसगढ़ और देशभर की सहकारी समितियों का मुद्दा…

नई दिल्ली/रायपुर। सहकारिता आंदोलन को मज़बूती प्रदान करने और सहकार से समृद्धि के मंत्र को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में महत्वपूर्ण विषय उठाया। उन्होंने सहकारिता मंत्री अमित शाह से नई राष्ट्रीय सहकारी समिति नीति के उद्देश्य, उसके क्रियान्वयन की स्थिति, प्लेटफ़ॉर्म सहकारी समितियों की विशेषताओं, उद्यम निधि की योजनाओं तथा छत्तीसगढ़ सहित देशभर में गठित बहु-राज्य सहकारी समितियों के ब्योरे पर विस्तार से जानकारी मांगी।

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सदन को अवगत कराया कि वर्ष 2025 में नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का विमोचन किया गया है, जो आगामी दस वर्षों में सहकारी क्षेत्र को व्यवस्थित और सर्वांगीण विकास का मार्गदर्शन करेगी। इस नीति के 16 उद्देश्यों को छह रणनीतिक मिशन स्तंभों में समाहित किया गया है, जिनमें सहकारी समितियों को सशक्त करने, प्रौद्योगिकी आधारित पारदर्शिता लाने, युवाओं व महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने तथा सहकारी क्षेत्र को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने जैसे बिंदु शामिल हैं।

विशेष उल्लेखनीय है कि सहकारिता के सिद्धांतों पर आधारित ‘सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड’ को बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत किया गया है। यह ऐप आधारित टैक्सी सेवा ड्राइवरों और ग्राहकों दोनों के लिए पारदर्शी और लाभकारी होगी। इसका पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली और गुजरात में प्रारंभ होने जा रहा है। इस योजना को इफको, नेफेड, अमूल, कृभको, एनडीडीबी, एनसीईएल और नाबार्ड जैसे प्रमुख सहकारी संगठनों का सहयोग प्राप्त है।

मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि संशोधित बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 (संशोधित 2023) के अंतर्गत समितियों को अपनी निधियों के निवेश और सहायक संस्थान गठित करने की अनुमति दी गई है। वर्तमान में देशभर में कुल 1779 बहु-राज्य सहकारी समितियाँ पंजीकृत हैं, जिनमें से 8 समितियाँ छत्तीसगढ़ में कार्यरत हैं।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल के इस महत्वपूर्ण प्रयास से छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश की सहकारी समितियों को नई दिशा और गति मिलने की संभावना है। लोकसभा में उठाए गए इस मुद्दे ने न केवल सहकारी आंदोलन की महत्ता को उजागर किया है बल्कि सहकार से समृद्धि के मार्ग को भी और अधिक स्पष्ट किया है।

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