
Ganesh Chaturthi 2025: इन मंत्रों का जप और दान से करें…भगवान गणेश को प्रसन्न, आर्थिक तंगी से मिलेगी मुक्ति…
नई दिल्ली। भाद्रपदके शुक्लपक्ष की चतुर्थीको व्रत करने वाला शिवलोक को प्राप्त करता है। गणेश चतुर्थी को गणेश जी का पूजन करके मनुष्य सभी मनोकामनाओं को प्राप्त कर लेता है। चतुर्थी तिथि तीन प्रकार की होती है-शिवा, शान्ता और सुखा। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का नाम शिवा है। इस साल गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जा रही है। इस दिन जो स्नान, दान, उपवास, जप आदि सत्कर्म किया जाता है, वह गणपति के प्रसाद से सौ गुना हो जाता है। इस दिन पूजा करते समय आगच्छोल्काय कहकर गणेशजी का आवाहन करें । इस प्रकार गन्धादि उपचारों एवं लड्डुओं से गणपति का पूजन करें। तदनन्तर निम्नलिखित गणेश गायत्री मंत्र का जप करें।
ॐ महोलकाय विद्दाहे वक्रतुण्डायधीमहि।
तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥
गणेश गायत्री मंत्र का जप करें। इस मंत्र का अर्थ है कि हम उस विशाल शरीर वाले भगवान गणेश का ध्यान करते हैं, जिनकी सूंड वक्र या मुड़ी हुई है, और वह दंतधारी हमें बुद्धि से प्रकाशित करते हैं। कहते हैं कि गणेश जी के इस मंत्र से पूजा करने से भगवान गणेश की सभी पर कृुा रहती है।
गणेश चतुर्थी पर किस चीज का दान करना चाहिए
पुराणों में लिखा है किइस दिन जो दान, उपवास, जप आदि सत्कर्म किया जाता है, वह गणपति के कई सौ गुना हो जाता है। इस चतुर्थी को गुड़, लवण ओर घी का दान करना चाहिए। यह शुभकर माना गया है और गुड़ के मालपूआ से ब्राह्यणों को भोजन कराना चाहिए। पति की कामना करने वाली कन्या विशेष रूप से इस चतुर्थी का व्रत करें और गणेशजी की पूजा करें।
गणेश चतुर्थी मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 28 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक
विजय मुहूर्त : दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 22 मिनट तक